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चयनित शिक्षक आखिर कब तक करेंगे सरकार की शोषणकारी नीतियों का सामना! UR श्रेणी के चयनित परेशान, अगर वेटिंग लिस्ट क्लियर होगी फिर भी नियुक्ति की उम्मीद नहीं 

 

चयनित शिक्षक आखिर कब तक करेंगे सरकार की शोषणकारी नीतियों का सामना! UR श्रेणी के चयनित परेशान, अगर वेटिंग लिस्ट क्लियर होगी फिर भी नियुक्ति की उम्मीद नहीं 

  • चयनित शिक्षकों की नियुक्ति में विसंगति
  • सरकार की नीतियों से परेशान
  • UR केटेगरी में रिजर्वड केटेगरी के शिक्षक चयनित
  • वेटिंग अभ्यर्थी कर रहे लिस्ट जारी होने की मांग 

भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:- मध्यप्रदेश में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा अंतिम चयन सूची चाहे जारी कर दी गई है पर इस पूरी भर्ती प्रक्रिया से चयनित शिक्षक खुश नहीं है. लंबे इंतजार के बाद जब सरकार द्वारा इनकी नियुक्ति के आदेश जारी हुए तो उसमें भी विसंगतियां पाई गई.

सरकार ने 30500 पदों में से 12043 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे दी है, बाकी 18500 शिक्षक अभी भी भर्ती के इंतजार में है।

डीपीआई द्वारा जो चयन सूची जारी की है उसमें बहुत सारे अभ्यर्थियों के मन में ढेरों सवाल है, जैसे कि उच्च माध्यमिक अंग्रेजी की सिलेक्शन लिस्ट में 657 रैंक अभ्यर्थी जोकि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी में है, उसे जनरल सीट आवंटित कर दी गई है. यहां तक तो सब ठीक है लेकिन अगर आप वेटिंग सूची देखें तो उसमें रैंक 650, 654,656 अभ्यार्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई है।

 यह सिर्फ एक विषय की बात हम आप सभी से बता रहे हैं उदाहरण के तौर पर पर हर विषय में चयनितों को इसी तरह छला गया है.

जिस प्रकार से चयनित सूची बनाई गई है उसके संबंध में डिपार्टमेंट के किसी भी अधिकारी और सरकार ने स्पष्टीकरण नहीं दिया. जिसकी वजह से बहुत सारे अभ्यर्थी अवसाद में जा रहे हैं, और वह कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं. परेशान अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर सरकार ने दिवाली के पहले 18500 शिक्षकों को नियुक्ति नहीं दी गई तो फिर से हम लोग भोपाल में आंदोलन करने के लिए मजबूर होगे. बताते चलें कि इससे पूर्व में भी राजधानी भोपाल में चयनित शिक्षकों के बड़े आंदोलन हुए कई चेहरे तो शिक्षकों को लाठी डंडे खाने पड़े इसके साथ ही नामजद f.i.r. भी दर्ज हुए.

वहीं दूसरी तरफ ट्राइबल की फाइनल लिस्ट भी जारी नहीं हुई है. ट्राइबल की फाइनल लिस्ट जारी करने को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से, एप्लीकेशन के माध्यम से शिक्षक सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

आगे देखना होगा कि अब विभाग की क्या प्रतिक्रिया रहती है.

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