भीख मांगने को मजबूर चयनित शिक्षक, कांग्रेस का कहना जल्द नियुक्ति दे दमनकारी सरकार
भीख मांगने को मजबूर चयनित शिक्षक, कांग्रेस का कहना जल्द नियुक्ति दे दमनकारी सरकार
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:- मध्यप्रदेश में चयनित शिक्षक हर तरह से सरकार के सामने प्रदर्शन कर अपनी नियुक्ति की गुहार लगा रहे हैं. अब चयनित शिक्षक भीख मांगने तक को मजबूर हो चुके हैं. शिक्षकों का कहना है कि उनके साथ अत्याचार बढ़ता ही जा रहा है. इतने लंबे वक्त से नियुक्ति नहीं मिली है हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी हो गई है कि हम भीख मांगने को मजबूर हैं.
सोशल मीडिया पर चयनित शिक्षकों के भीख मांगने के वीडियो अलग-अलग जगहों से सामने आ रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और प्रदेश के छिंदवाड़ा से सांसद नकुल नाथ ने चयनित शिक्षकों के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा सरकार रोजगार मेले के नाम पर युवाओं को गुमराह करने में कोई कसर नही छोड़ती,
जबकी हक़ीक़त कुछ पर बयाँ करती है, पढ़े लिखे युवा रोज़गार के लिए दर-दर भटक रहे है, रोज़ कोई न कोई अतिथि शिक्षक आत्महत्या कर रहे है, चयनित शिक्षकों को नियुक्ति नही दी जा रही है.
– क्या प्रदेश सरकार को युवा पीढ़ी की परेशानियाँ नज़र नही आती ??? आख़िर कब तक भाजपा सरकार युवाओं को रोज़गार के लिए, अपने हक़ के लिए दर दर भटकाएँगी ?
चयनित शिक्षकों ने सोशल मीडिया पर चलाया कैंपेन, सरकार पर नहीं पड़ रहा कोई भी असर
पहले शिक्षक पोर्टल अपडेट के लिए परेशान होते रहे थे डॉक्युमेंट वेरीफिकेशन के लिए और फिर नियुक्ति के लिए.. नियुक्ति शुरू भी हुई तो उसमें विसंगतियां पाई गई. हालांकि लोक शिक्षण संचालनालय और ट्राईबल विभाग ने कुछ चयनित शिक्षकों की नियुक्ति तो की लेकिन अभी भी भारी संख्या में वेटिंग अभ्यर्थी अपनी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा शिक्षकों के पद खाली है लेकिन सरकार उन पदों पर भर्ती नहीं कर रही है.
रविवार यानी कि 20 फरवरी को सोशल मीडिया पर चयनित शिक्षकों ने कैंपेन चलाया.
ट्रेंडिंग हैशटैग्स चलाकर सरकार से नियुक्ति की मांग शिक्षकों द्वारा की गई लेकिन सरकार की तरफ से कोई भी जवाब सामने नहीं आया इससे पूर्व में वेटिंग अभ्यर्थी कई बार राजधानी भोपाल में प्रदर्शन कर चुके हैं मंत्री इंदर सिंह परमार के बंगले का घेराव भी किया जा चुका है, लेकिन फिर भी अभी तक चयनित शिक्षकों के हित में सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई है.
शिक्षकों ने सरकार के नाम खून से पत्र लिखें ठंडे पानी में खड़े होकर जल सत्याग्रह किया लेकिन उनकी नियुक्ति के आदेश नहीं आए हाल ही में शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि चयनित शिक्षक पेशेंस रखिए जल्द उनकी नियुक्ति होगी. वहीं चले शिक्षकों का कहना है कि पेशेंस रखते रखते वो ओवर एज होते जा रहे हैं.
आगे देखना होगा कि सरकार कितने दिनों तक अभी मौन रहने वाली है आगामी साल में मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में सरकार के लिए बेहद जरूरी हो जाता है जनता को लुभाना. तो कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले इन वेटिंग अभ्यर्थियों की नियुक्ति हो जाएगी वहीं दूसरी तरफ पद वृद्धि की मांग को लेकर भी चयनित शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं. देखना होगा कि सरकार का इनके हाथ में क्या फैसला रहता है