अभ्यार्थियों ने शिक्षा मंत्री का घेराव कर की जमकर नारेबाजी, दिलाए वचनपत्र में किए वादे
शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का मामला अब गर्माता दिख रहा है। प्रदेश में लगभग 80000 पदों के रिक्त होने के बावजूद शासन मात्र 20670 पदों पर भर्ती प्रक्रिया करने जा रहा है। इसका विरोध अभ्यार्थियों द्वारा किया जा रहा है।
रविवार को नरसिंहपुर जिले के एक शासकीय स्कूल का लोकार्पण करने पहुंचे प्राथमिक शिक्षामंत्री प्रभुराम चौधरी को भी अभ्यार्थियों के गुस्से से दो चार होना पड़ा। गुस्साए अभ्यार्थियों ने प्राथमिक शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अभ्यार्थियों का कहना है कि शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर लेने के बाद भी उनके हित को ध्यान में रखा नही जा रहा है।
प्रदेश में अभी तक स्थाई भर्ती नही हुई है।
कम पदों को लेकर है रोष
अभ्यार्थियों का कहना है कि स्थाई शिक्षक भर्ती में कम पद आने, भर्ती प्रक्रिया धीमी गति से चलने एवं जारी विज्ञप्ति में पाई गई विसंगतियों आक्रोश का कारण हैं।
कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि 1,20,000 शिक्षकों की भर्ती होगी परंतु अभी तक 20,670 पदों पर ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा विज्ञप्ति जारी हुई है।
आरटीई के नियमों का हो रहा उल्लंघन
अभ्यर्थियों का कहना है कि जारी विज्ञप्ति में माध्यमिक शिक्षक भर्ती में आरटीई नियमों का खुला उल्लंघन किया गया है, जहां पर मातृभाषा हिंदी को छठवें स्थान पर रखा गया है एवं विज्ञान को पांचवे स्थान पर। जबकी अंग्रेजी भाषा को तृतीय स्थान दिया गया है। माध्यमिक शिक्षकों के लिए जारी विज्ञप्ति में विज्ञान के 50, सामाजिक विज्ञान 60, उर्दू के 18 एवं हिंदी विषय के कुल 100 पद रिक्त घोषित किए गए जबकि अकेले अंग्रेजी भाषा के 3358 रिक्त पद घोषित किए गए हैं।
इस संबंध में अभ्यार्थियों ने ज्ञापन सौंपा है जिसमें ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से रंजीत गौर,विष्णु सिंघानिया ,भगवत वर्मा, आजाद पटेल, अनीता अहिरवार ,परिधि शाक्य, दीपक पटले,दिनेश गुप्ता प्रमुख रूप से रहे ।