CA छात्रों को मिला कोविड सेंटर तो कहीं 500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र ,साल में 2 बार सुप्रीम कोर्ट ने ली CA इंस्टिट्यूट की पेशी, ICAI कर रहा छात्रों के भविष्य और जीवन से खिलवाड़ ,छात्रों ने दी आत्महत्या की धमकी 

CA छात्रों को मिला कोविड सेंटर तो कहीं 500 किलोमीटर दूर परीक्षा केंद्र , साल में 2 बार सुप्रीम कोर्ट ने ली CA इंस्टिट्यूट की पेशी ,फ़िर भी ICAI कर रहा छात्रों के भविष्य और जीवन से खिलवाड़ ,छात्रों ने दी आत्महत्या की धमकी 

द लोकनीति डेस्क भोपाल 

भारत देश में सबसे कठिन परीक्षा में दो ही नाम जाने जाते है पहला UPSC और दूसरा CA बनने की परीक्षा ,हर साल की तरह यह परीक्षा साल में दो बार होनी होती है। परीक्षा मई और नवम्बर के महीने में शुरू होती है। लेकिन इस बार ICAI ने परीक्षा तो अभी तक नहीं लेकिन छात्रों के साथ लुकाछुपी वाला खेल कर रही है। न तो वह क्लियर बता पा रही है कि परीक्षा लेनी या रद्द करनी है ,बार -बार ICAI के अधिकारियो के ट्वीट आये दिन बदलते रहते है।
 “द लोकनीति ” मीडिया के पास देशभर के CA छात्रों ने सम्पर्क किया और अपनी बातें रखी ,जिसको लेकर हमने ICAI के प्रेसिडेंट से भी बात करने की 25 कोशिशें करने के बाद भी उनसे सम्पर्क नहीं हुआ। जिन महाशय से संपर्क हुआ वे ICAI के CCM धीरज खंडेलवाल थे उन्होंने अपना पल्ला झाड़ दिया और किसी भी प्रश्नो का उत्तर हमें नहीं दिया और कहा गया ” आई एम् नॉट ऑथॉरिज़ेड पर्सन फॉर आंसर “ और प्रेसिडेंट से बात करने का हवाला देकर फ़ोन काट दिया गया। 

मार्च में लगा लॉकडाउन ,फ़िर तभी से ICAI कर रहा छात्रों के भविष्य को उप -डाउन 
मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद 2 मई को होने वाला एग्जाम दो बार पोस्टपोंड हुए ,पहले जून फिर जुलाई ,तभी जुलाई में इंस्टिट्यूट ने यह दावा किया था कि “एक बच्चा भी एग्जाम देगा तो हम एग्जाम ले लेंगे ” लेकिन हक़ीक़त में वे विफ़ल रहे। 

मई और नवंबर के एग्जाम को कर दिया एकसाथ मर्ज (MERGE )
गृहमंत्रालय (home minstry) के आदेश का पालन क्यों नहीं करता CA इंस्टिट्यूट ,जिस तरीके से सारे देश में एकसाथ इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की परीक्षा हुई JEE और NEET 2020 पुरे देश में हुआ और इसको लेकर एक बार जो आदेश हुआ उसका पालन सभी ने किया। लेकिन CA इंस्टिट्यूट अपनी होम मिनस्ट्री खुद चला रहा है या यूँ कहे कि अपने आप को गृह मंत्रालय से बढ़कर समझ चूका है तभी उनके नियमों की धज्जियाँ खुलकर उड़ा रहा है। 

परीक्षा केन्द्रो में बड़ी लापरवाही 
कुछ सेंटर में 200 से ज्यादा बच्चे बैठाने की आशंका बताई जा रही है। तो कही उत्तरप्रदेश के एक छात्र ने बताया कि हमारा जो परीक्षा सेंटर है वह खुद कोरोना  कोविड सेंटर है। अब बताये हमें परीक्षा से लड़ना है या कोरोना से ,कुछ समझ नहीं आ रहा ,ICAI हमें जहर क्यों नहीं दे देता ,यदि वे हमें CA नहीं बनने देना चाहते । तो एक छात्र ने हमें मैसेज कर बताया कि मेरा एग्जाम सेंटर मेरे घर से पुरे 440 किलोमीटर मतला 500 मीटर दुरी पर है। 

ICAI का न परीक्षा को लेकर कोई ठोस जवाब न कोई विशेष तैयारी 


जिम्मेदार अधिकारी केवल छात्रों को गुमहराह करने का काम कर रहे है। जिनसे हमारी बात हुई वे ICAI के CCM धीरज खंडेलवाल थे ,हमसे अंग्रेजी में चौड़े शब्दों का प्रयोग तो कर दिए  ” I am not authorised ” लेकिन यही unauthorised person इन्होने 12 अक्टूबर को ट्विटर में ट्वीट के माध्यम से छात्रों को संबोधित करते हुए कहते है ” प्रिय छात्रों केवल 15 दिन शेष है आपका एडमिट कार्ड आ जाएगा आप परीक्षा के लिए तैयार रहे।  फ़िर अचानक इनके मुँह से आकाशवाणी होती है और अगले दिन ठीक 13 अक्टूबर को बता देते है कि एग्जाम स्थगित कर दिया गया है। 

बडा सवाल -विश्वभर की दूसरी सबसे बड़ी एकाउंटिंग बॉडी माने जाने वाली ICAI को 1 साल में 2 बार सुप्रीम कोर्ट ने क्यों फटकारा ??
परीक्षा को लेकर न कभी ढंग से कॉपी चेक हो रही ,न छात्रों की बाते मानी जाती है ,छात्रों ने साफ़ कहा हमें परीक्षा डर नहीं लगता लेकिन ICAI से डर लगता है जो यह परीक्षा कराने का जिम्मेदार है। ICAI के पास परीक्षा को लेकर कोई ठोस तैयारी है न केंद्र की व्यवस्था न ब्लूप्रिंट ,सब चल रहा राम भरोसे 

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI ) की सीए परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें ऑप्ट आउट केस माना जाएगा। भले ही स्टूडेंट ने ऑप्ट आउट विकल्प का चुनाव ना किया हो। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ऑप्ट आउट विकल्प पर रोक लगाने वाली याचिका पर इंस्टीट्यूट से जवाब भी मांगा है। 

बडा सवाल ऑप्ट आउट करने वाले छात्रों को सीधा मई में क्यों शिफ्ट कर दिया जाता है 

 यहाँ कोविड अस्पताल को बना दिया CA का परीक्षा केंद्र 

 

तो यहां 500 किलोमीटर दूर बना दिया छात्र का सेंटर 

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