बडवानी में भोपाल टीम द्वारा की गई BWL (बैक वाटर लेवल) की जांच
- बड़वानी से हेंमंत नागझिरिया की रिपोर्ट
सरदार सरोवर परियोजना से प्रभावित बडवानी,धार, अलीराजपुर, खरगोन जिले के 192 गांव और एक नगर धरमपुरी प्रभावित हो रहा है। इसको बैक वाटर लेवल से 2007-08 में कई गावों को डूब से बाहर कर दिया गया था, इसमें 15946 परिवारों को डूब से अप्रभावित बताया गया था, लेकिन 2019 की डूब से समय कई सारे मकान व रास्ते बंद हो चुके थे, इस मुददे पर भोपाल में चर्चा होने के बाद 21 नवंबर 2019 के रोज नर्मदा घाटी विकास विभाग के आदेश निकाल कर श्री राजीव कुमार सुकलीकर, सदस्य (अभियांत्रिकी), नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, भोपाल अध्यक्ष। एम.एस.अजनारे, सदस्य, रज्जन रोहित, ए.के.सिंघल, भरत गोसावी इत्यादि सदस्य की कमेटी बनी गई थी।
जिसके बाद आज बडवानी जिले में पिछोडी में जो परिवारों को डूब से बाहर किया गया था, उन विस्थापितों से चर्चा की गई है, उनकी हकीगत जानी, जो तत्कालीन रास्ते बनाये गये थे, उनको भी देखा गया था, जो मकानों को डूब से बाहर किया गया था, उस मकानों को भी देखा गया था, एक मीटींग में पूरे मुददे पिछोडी गांव के रखे गये थे। जांगरवा में जो रास्ते डूब से बाहर बनाया गया था, जो डूब चुका था, उस रास्ते को भी देखा गया था, इसके साथ जिन मकानों को 2017 में डूब से बाहर बताया गया था, वह भी इस अगस्त 2019 में डूब चुके है, वह मकान खत्म हो चुके है, वह भी देखा गया था, इसके साथ मूलगांव के अंदर 135 मीटर में एक रास्ते बंद होता है, वह भी देखा गया था। छोटा बडदा में भी मकानों को अप्रभावित किया गया है, उनके मकान देखे गये थे, लेवल में फेरबदल हुए है, इसी प्रकार बडवानी जिले के तीनों गावों से अंदाज लगा लिया गया है। बडवानी जिले में 27 जगह रास्ते, पुल,पुलिया इत्यादि बना बाकी है, बिना भू-अर्जन की 19 हेक्टर कृषि भूमि 90 किसानों की प्रभावित हुई है। इसके साथ ही हजार हेक्टर्स कृषि भूमि टापू बनी है।
मेधा पाटकर ने कहा कि पहले 122 मीटर तक पानी उतरा जाये, वह उसके पहले रास्ते, पुल, पुलिया इत्यादि बनाया जाये। हजारों हेक्टर्स चरनोई की कृषि भूमि डूब चुकी है, हर गांव में 50 प्रतिशत मवेशी खत्म हो रहे है।आज भी हजारों परिवारों को 5.80 लाख रू मिलना बाकी है, कई सारे परिवारों को आवासीय भूखण्ड मिलना बाकी है।