- बजट से पहले राष्ट्रपति रामनाथ गोविन्द ने गिनाईं सरकार की सफलताएं
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Budget 2020 , Gautam :- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) पेश किया। इसमें आने वाले वित्त वर्ष (2020-21) में जीडीपी (GDP) ग्रोथ 6 – 6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि बीते साल में आर्थिक मोर्चे पर देश का क्या हाल रहा। आर्थिक सर्वे के जरिए मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकार को सुझाव भी देते हैं, ताकि इकोनॉमी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सके।
पिछले साल 5 जुलाई को बजट आया था। आर्थिक सर्वे 4 जुलाई को पेश किया गया था। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का कहना है कि उनकी टीम ने कड़ी मेहनत कर इस बार सिर्फ 6 महीने में आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया।
11 फरवरी तक चलेगा बजट सत्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट पेश करेंगी। बजट में आर्थिक सर्वेक्षण के तथ्यों को ध्यान में रखा जाता है। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि बजट में आर्थिक सर्वेक्षण का असर दिखे।आज से बजट सत्र भी शुरू हो गया है। बजट सत्र का पहला चरण 11 फरवरी तक चलेगा। दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होकर 3 अप्रैल तक चलेगा।
सर्वे में क्या-क्या आया सामने
- प्री-बजट सर्वे में सामने आया कि लोग अपनी उम्मीदों और आशाओं से कम हासिल कर पा रहे हैं और ऐसे में कम आय भी उनके लिए काफी है। सर्वे में शामिल 51.5% लोगों का मानना है कि उनके लिए 20 हजार की मासिक आय भी पर्याप्त है। 2019 में 50.2% लोगों की यही राय थी। इस बार हुए सर्वे में 23.6% का मानना है कि 4 लोगों के परिवार के लिए 20-30 हजार के बीच आय जरूरी है।
- एक फरवरी को आने वाले बजट को लेकर लोगों ने सबसे ज्यादा उम्मीद इनकम टैक्स में छूट से लगा रखी है। ज्यादातर का मानना है कि 4.3 लाख तक की आय टैक्स फ्री होनी चाहिए ताकि वे अपने परिवार के लिए एक सामान्य जिंदगी को साकार कर सकें। मौजूदा समय में 2.5 लाख की सालाना आय को टैक्स फ्री रखा गया है। पिछले 10 साल से यह मांग की जा रही है कि टैक्स में छूट 4 लाख/साल से कम नहीं होनी चाहिए।
- 48.4% लोगों का मानना है कि आम आदमी के जीवन की गुणवत्ता बीते एक साल में बर्बाद हो गई है। 2015 में हुए ऐसे ही सर्वे में 24.6% लोगों की यही राय थी। जनवरी 2020 में हुए सर्वे में 28.8% लोगों का मानना है कि आम आदमी की जिंदगी में सुधार हुआ। 2015 में हुए ऐसे ही सर्वे में 39.3% लोगों ने कहा था कि आम आदमी की जिंदगी में सुधार हुआ। 21.3% को लगता है कि इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ और 1.4% ने कहा कि उन्हें पता नहीं या वे कुछ कह नहीं सकते।
क्या कुछ कहा राष्ट्रपति ने
कोविंद ने कहा, ‘‘21वीं सदी के पहले सत्र को संबोधित करते हुए खुशी हो रही है। यह दशक भारत के लिए महत्वपूर्ण है। हमारी स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होंगे। सरकार के प्रयास से इस सदी को भारत की मजबूत सदी बनाने की नींव रखी जा चुकी है।’’
‘‘हम भारत के लोग महापुरुषों के सपने को पूरा करेंगे। इसमें संविधान हमारे लिए काफी मददगार है। संविधान हमें कर्तव्यों का बोध कराता है और नागरिकों से राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की अपेक्षा भी रखता है।’’
‘‘लोकसभा में तीन तलाक विरोधी कानून, उपभोक्ता संरक्षण कानून, अनियमित जमा योजना कानून, चिट फंड संशोधन कानून, मोटरवाहन कानून जैसे अनेक कानून बनाए गए। इसके लिए सांसदों का अभिनंदन करता हूं।’’
‘‘राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश ने परिपक्वता दिखाई। विरोध के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा लोकतंत्र को अपवित्र करती है। सरकार को यह जनादेश लोकतंत्र की रक्षा के लिए मिला है। नए भारत में विकास के नए अध्याय लिखे जाएं। हर क्षेत्र में सबका विकास हो।’’
वहीँ कांग्रेस ने CAA और NRC को लेकर विरोध प्रदर्शन किया |