Budget 2020 : पिछड़ा वर्ग कल्याण, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन और महिलाएं के लिए क्या है इस बजट में

केयरिंग सोसाइटी
वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में महिलाओं एवं बच्चों के विकास में अभूतपूर्व बदलाव हुए हैं। बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ अभियान के शानदार नतीजें सामने आये हैं। आकड़े की माने तो 97. 32 % लडकियां प्राइमरी शिक्षा से जुडी हैं वहीँ लड़के इस बार पीछे छूट गए हैं उनका प्रतिशत 89.2 % रहा है। वहीँ उच्च  शिक्षा की बात करें तो 59 प्रतिशत लडकियां एवं 57 प्रतिशत लड़के इससे जुड़े हैं।

माओं के स्वास्थय को मिला लाभ
पोषण अभियान के तहत 6 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाया गया जिसके द्वारा हमे डाटा प्राप्त होते हैं। इन स्मार्टफोन के जरिये ये कार्यकर्ता 10 लाख करोड़ के घरों के पोषण की जानकारी देते हैं। पहले जहाँ लड़कियां काम उम्र में माँ बन जा रही थी , वहीँ अब उनकी उम्र बढ़ी है
पोषण के लिए 35 हज़ार 600 करोड़ रूपये दिए जाएंगे और महिलाओं से जुड़े कार्यकर्मो के लिए 28 हज़ार 600 करोड़ रूपये दिए जाएंगे। इसको लेकर स्थानीय मंत्रालय तत्परता से काम करेगा ताकि विभिन्न कार्यक्रमों को सही तरीके से लागू किया जा सके।

पिछड़ा वर्ग कल्याण
पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए 85 हज़ार करोड़ रूपये दिए जाएंगे। इसे अनुसूचित जाति एवं OBC के विकास के ऊपर खर्च किये जाएंगे।
आदिवासी कल्याण कोष में जनजातियों के विकास के लिए 53 हज़ार 700 करोड़।
दिव्यांग और बुज़ुर्गो के लिए 95 सौ करोड़ रूपये।

पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
कोयले वाले पावर प्लांट को जल्द से जल्द बंद किया जाएगा पर्यावरण को धन में रखते हुए।
जिन शहरों की आबादी 10 लाख से ज्यादा है उन्हें साफ़ हवा देने के लिए 4400 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। आयुष्मान योजना से सभी को स्वास्थ लाभ मिलेंगे।

गवर्नेंस
हमारी सरकार भ्रष्टाचार रहित सरकार के तरफ अग्रसर है। सरकार पर जनता का भरोसा है। सरकार की मंशा साफ़ है। नॉन गज़ेटेड पोस्ट के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी बनाई जायेगी। 

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