MP: 2019 लोकसभा चुनाव में हुआ था काले धन का इस्तेमाल, अब तक IPS और पुलिस अफसरों पर नहीं हुई FIR
मध्यप्रदेश/भोपाल – लोकसभा चुनाव 2019 में काले धन के इस्तेमाल के मामले में 6 महीने बाद भी एफआईआर दर्ज ना होने को लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के एसीएस डॉक्टर राजेश राजौरा गुरुवार को केंद्रीय चुनाव आयोग के सामने पेश हुए। दोनों ने फ़ल बैंच को अब तक उठाए कदमों की रिपोर्ट दी। पुलिस अफसरों के खिलाफ एफआईआर ना होने पर आयोग ने तल्ख सवाल किए, जिस पर अफसर जवाब देते रहे।
सूत्रों के मुताबिक सीएस और एससीएस ने आयोग को बताया कि मामला EOW को सौंप दिया हैं। ईओडब्ल्यू ने दस्तावेजों की स्क्रूटनी कर तीन आईपीएस सहित चार पुलिस अवसरों को नोटिस दिया हैं। यह भी बताया कि आयोग की सीबीडीटी की रिपोर्ट के मूल दस्तावेजों की जरूरत है तभी एफआईआर हो सकेगी। दस्तावेज मिलते ही एफआईआर के लिए विधिक परीक्षण के बाद कदम उठाए जाएंगे।
मालूम हो कि लोकसभा चुनाव के समय मई 2019 में काले धन का इस्तेमाल चुनावी काम में पाया गया। केंद्रीय चुनाव आयोग ने सीबीडीटी की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश सरकार को इस मामले में तीन आईपीएस सहित चार पुलिस अफसरों पर एफआईआर के लिए पत्र लिखा था। सितंबर अंत में आए इस पत्र में मिनी ट्रेक में इन चारों पुलिस अफसरों का लिप्त होना पाया गया था। यह भी पाया गया था कि कांग्रेस के दिल्ली स्थित मुख्यालय तक यह पैसा पहुंचा उस समय मध्यप्रदेश में कमलनाथ मुख्यमंत्री थे अब उस समय के कई विधायक मंत्री भाजपा में हैं।