बीजेपी सांसद ने दिया विवादित बयान, किसानों का अपमान करते हुए कहा कि "कहीं और मर लेते"
बीजेपी सांसद ने दिया विवादित बयान, किसानों का अपमान करते हुए कहा कि “कहीं और मर लेते”
द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव
अम्बाला से बीजेपी सांसद का किसानों पर विवादित बयान सामने आया है।
जिसके बाद कांग्रेस अब भाजपा को घेरने लगी है। कृषि कानून को लेकर लगातार 6 दिन से किसान आंदोलन कर रहे हैं। आज अलग अलग राज्यों के किसान अपने राज्यों में कृषि बिल के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन कर रहे हैं।
इसी बीच सांसद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
जिसमे वह कहते नज़र आ रहे हैं कि “तुम 7-8 उद्घाटन हो रहे हैं कही और मर लेते कर लेते” इनका काम है विकास में रोड़े अटकाना”। जिसे लेकर कांग्रेस अब सांसद के साथ साथ पूरी पार्टी पर हमलावर हुई है।
कांग्रेस ने ट्वीट में कही ये बात :-
बीजेपी सांसद का अहंकार,
—किसानों के लिये विवादास्पद टिप्पणी;
अंबाला से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया ने आंदोलन कर रहे किसानों का अपमान करते हुये कहा कि “कहीं और मर लेते”।
मोदी जी,
याद रखना ! अहंकार किसी का नहीं टिकता,
—किसान “बोना” भी जानता है, और “काटना” भी..!
बीजेपी सांसद का अहंकार,
—किसानों के लिये विवादास्पद टिप्पणी;
अंबाला से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया ने आंदोलन कर रहे किसानों का अपमान करते हुये कहा कि “कहीं और मर लेते”।
मोदी जी,
याद रखना ! अहंकार किसी का नहीं टिकता,
—किसान “बोना” भी जानता है, और “काटना” भी..! pic.twitter.com/l9BiASJ2Yh
— MP Congress (@INCMP) December 1, 2020 “>http://
बीजेपी सांसद का अहंकार,
—किसानों के लिये विवादास्पद टिप्पणी;अंबाला से बीजेपी सांसद रतन लाल कटारिया ने आंदोलन कर रहे किसानों का अपमान करते हुये कहा कि “कहीं और मर लेते”।
मोदी जी,
याद रखना ! अहंकार किसी का नहीं टिकता,
—किसान “बोना” भी जानता है, और “काटना” भी..! pic.twitter.com/l9BiASJ2Yh— MP Congress (@INCMP) December 1, 2020
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की तरफ से अनुरोध है कि किसानों के लिए वार्तालाप के दरवाजे खोले हैं तो मन भी खोलकर बात कीजिए। अगर आप किसानों से बात कर रहे हैं, तो तीनों खेती विरोधी काले कानूनों को आज ही प्रधानमंत्री सस्पेंड करने का निर्णय करें और इसकी घोषणा करें।
कृषि मंत्री अपने आवास से किसानों से चर्चा करने के लिए रवाना हो चुके हैं।
अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार किसानों से बातचीत के बाद उन्हें संतुष्ट कर पाती है या नहीं ???