- बैंक ऑफ़ इंडिया के अगुवाई वाले बैंक समूह से धोखाधड़ी
- सीबीआई की कई शहरों में धोखाधड़ी
New Delhi :- विजय माल्या और नीरव मोदी के बाद साढ़े तीन हज़ार करोड़ के एक और बैंक घोटाले का मामला सामना आया है। सीबीआई (CBI) ने 14 बैंको (Bank) के समूह के साथ साढ़े तीन हज़ार करोड़ रूपये से अधिक की धोखाधड़ी में मुंबई की कंपनी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल (Frost International) के निदेशकों उदय देसाई और सुजय देसाई के अलावा 11 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज़ किया है।
क्या करती है कंपनी
फ्रॉस्ट इंटरनेशनल कंपनी विभिन्न वस्तुओं का आयत निर्यात (Import Export) करती है। इस कंपनी ने बैंक ऑफ़ इंडिया (BOI) की अगुवाई में बने 14 सरकारी बैंकों के समूह से करीब 4061 करोड़ रूपये की उधार सुविधा (Credit Facility) ले रखी थी। जानकारी के अनुसार कंपनी ने फंड को असुरक्षित क़र्ज़ और अग्रिम के रूप में गैर कारोबारी पार्टियों को डायवर्ट कर दिया। जांच में एक बड़ी बात सामने आयी कि जिनके साथ फ्रॉस्ट का लेन – देन हुआ है वह सारी कंपनिया फ़र्ज़ी थीं।
लुकआउट नोटिस जारी
सीबीआई ने एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की। कानपुर , दिल्ली, मुंबई सहित कंपनी के सभी बड़े ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की कार्रवाई हुई। आरोपी देश न छोड़ सकें इसके लिए पुलिस ने लुक आउट नोटिस भी ज़ारी कर दिया। इस कंपनी ने बैंक ऑफ़ इंडिया सहित 14 अन्य बैंको के साथ धोखाधड़ी की है।
फ्रॉस्ट इंटरनेशनल और उसके निदेशकों , जमानतदारों और अन्य अज्ञात लोगों ने फ़र्ज़ी दास्तावेज जमा किये और बैंकों से पैसे लेकर कहीं और भेज दिए।