बड़ा खुलासा : यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या की कोशिश, रूस के जासूसों ने खुफिया जानकारी देकर इसे किया नाकाम

इंटरनेशनल डेस्क : रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 10वां दिन है। रूस की तरफ से हमला जारी है। इसी बीच टाइम्स ऑफ लंदन की एक रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि युद्ध शुरू होने के बाद एक हफ्ते के अंदर.यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की हत्या की तीन कोशिशें की गई थीं। पर यह सारी कोशिशें हर बार कोशिश नाकाम रही। 

रिपोर्ट के हवाले से यह बात सामने आई कि जेलेंस्की की हत्या की कोशिश इस वजह से नाकाम होती रही थी, क्योंकि युद्ध का विरोध करने वाले रूस के लोगों ने यूक्रेन के सरकारी अधिकारियों को इन हमलों के बारे में खुफिया जानकारी दी थी। 

रिपोर्ट में इस बात का भी दावा है कि रूस के कुछ जासूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्लान को सफल नहीं होना देना चाहते, और यही कारण हैं कि जासूसों ने जेलेंस्की की हत्या करने की पूरी तैयारी के बारे में यूक्रेन के अधिकारियों को बता सब कुछ बता दिया था। 

इससे पहले डेली मेल की एक रिपोर्ट में भी बड़ा दावा किया गया था कि जेलेंस्की की हत्या योजना चल रही है। जेलेंस्की की हत्या के लिए अफ्रीका से 400 से ज्यादा रूसी भाड़े के सैनिकों को यूक्रेन भेजा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन ने वैगनर ग्रुप नाम की एक प्राइवेट मिलिशिया को जेलेंस्की और 23 अन्य सरकारी अधिकारियों की हत्या के लिए यूक्रेन भेजा था। 

इधर, रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है, पहले भारत के एक छात्र की मौत हुई और अब दूसरे छात्र को गोली लगने से वह अस्पताल में भर्ती हैं। 27 फरवरी को कीव छोड़कर आ रहे हरजोत सिंह नाम के भारतीय छात्र को गोली लग गई थी। फिर उन्हें वापस कीव ले जाया गया  था। 

हरजोत ने कहा कि मेरी यही गुजारिश है कि जल्द से जल्द मुझे यहां से निकाला जाए ताकि अपनी फैमिली से मिल सकुं। इंडियन एंबेसी के लगभग हर व्यक्ति से बात कर चुका हूं। उन्होंने सिर्फ दिलासा दिया है। अभी तक कोई मदद यहां नहीं पहुंची है। उन्होंने कहा कि मेरा यहां पर कोई भी नहीं है। मुझे एके 47 गोली लगी है। मेरे पैर में फैक्चर है। मैंने एंबेसी से अनुरोध है कि कार या किसी तरह मुझे यहां से ले जाए, मैं चल नहीं सकता। 

अगर पैर पर फैक्चर नहीं होता तो खुद चलकर बॉर्डर तक चला जाता। अभी कीव में बहुत भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. यहां हर जगह डर का माहौल है। कहीं भी स्थिति ठीक नहीं है। भारत सरकार द्वारा लगातार यह ट्रेन में प्रति छात्रों को निकालने की कोशिश की जा रही है। बता दे कि भारत के चार केंद्रीय मंत्री इन दिनों रूस यूक्रेन के करीबी देशों के माध्यम से फंसे छात्रों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

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