शिवराज सरकार का बड़ा कदम, अतिथि विद्वानों के लिए "दो माह" का मानदेय किया आवंटित, दौड़ी खुशी की लहर

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्य प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में विगत कई वर्षों से अध्यापन कार्य करने वाले अतिथि विद्वान विगत 5 माह से फालेन आउट होकर बेरोजगारी की हालत में दर-दर भटकने को मजबूर हैं। आतिथि विद्वान अपनी नियमितीकरण के साथ साथ कई और मांगो को लेकर लंबे समय से परेशान चल रहे हैं। 

प्रदेश की पूर्व कमलनाथ सरकार बोलती आई थी कि कोई भी आतिथि विद्वान व्यवस्था से बाहर नहीं होगा और सब को बाहर करते गए। लेकिन अब इन आतिथि विद्वान की उम्मीद एक बार फिर शिवराज सरकार के आने से जाग उठी हैं। 

अतिथि विद्वान लगातर मुख्यमंत्री शिवराज से निवेदन कर रहे है कि इनके प्रति भी थोड़ी सी संवेदनशीलता दिखाई जाए क्योंकि इनके ऊपर कोरोना और बेरोजगारी दोनों तरह की मार पड़ रही हैं। ना तो इनके पास कोई रोजगार है और ना कोई आय का अन्य साधन हैं। इस विषम परिस्थिति में इनका परिवार भूखों मरने की कगार पर खड़ा हो गया हैं। 

वहीं, इन सबके बीच शिवराज सरकार ने अतिथि विद्वानो को बड़ी राहत दी है।

उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में कार्यरत अतिथि विद्वानों के लिए दो माह का मानदेय आवंटित कर दिया हैं।

बताया जा रहा है कि 15 करोड़ दस लाख आवंटित विभाग ने दो माह के मानदेय में सूबे के 467 कॉलेजों में कार्यरत दो हजार 517 अतिथि विद्वानों के लिए 15 करोड़ दस लाख रुपए का बजट आवंटित किया हैं। हर महीने के तीस-तीस हजार रुपए के हिसाब से मानदेय का भुगतान करेंगे। प्राचार्यों ने उनके बिल निकालकर राशि आवंटित करना शुरू कर दिया हैं। अब जल्द ही सरकारी कॉलेज इन अतिथि विद्वानों के खाते में इनके मानदेय की राशि ऑनलाइन स्थानांतरित कर देंगे।

बता दे कि सरकार के इस फैसले से अतिथि विद्वानों मे खुशी की लहर दौड़ गई हैं। 

 

Exit mobile version