मध्यप्रदेश में आरोपियों और अपराधियों से पुलिस पूछेगी उनकी जाति ????

मध्यप्रदेश – भोपाल राजधानी में हर तरफ विवाद की स्थिति बनी हुई हैं। इसी तरह का एक और नया मामला सामने आया हैं, जिसमे डीजीपी द्वारा लिखी गई चिट्ठी ने विवाद की स्थिति उत्पन्न कर दी हैं। 
डीजीपी ने चिट्ठी में बाकायदा पुलिस महकमें के लिए जारी एक एडवाइज़री में साफतौर पर लिखा है कि आप जब भी किसी आरोपी को पकडे तो उससे उसकी जाति भी पूछे इस पर भाजपा ने सवाल पूछा हैं, की हमारा सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या जाति देखकर अपराधियों के साथ अलग बर्ताव किया जाना चाहिए। डीजीपी जैसे अधिकारी की ओर से इस तरह की भाषा का प्रयोग किया जाना गलत है। डीजीपी जैसे महत्वपूर्ण पद पर बैठे हुए व्यक्ति का इस तरह की एडवाइज़री या चिट्ठी का इस्तेमाल करना कितना उचित नहीं है। 
क्या डीजीपी इस बारे में यह सोचते हैं कि अपराधियों के साथ जाति के हिसाब से अलग बर्ताव करना चाहिए। 
मध्य प्रदेश पुलिस के आला कमान डीजीपी इस तरह की एडवाइजरी बकायदा आदेश के जरिए जारी कर रहे हैं, इससे तो आने वाले समय में अपराध को अधिक बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि जब जाति विशेष के खिलाफ अपराध में आप (पुलिस) सखती नहीं करेंगे तो आने वाले समय में अपराध तो बढ़ना लाजमी है।  और इसे डीजीपी साहब एससी और एसटी का मामला देखकर हस्तछेप भी नहीं करेंगे। अब ऐसी स्थिति में बड़ा सवाल यह हैं कि जब अभद्र व्यवहार को रोकने के लिए आप इस तरह के निर्देश देंगे तो क्या आने वाले समय में अभद्र व्यवहार रुकेगा। डीजीपी हवाला दे रहे हैं कि एससी एसटी आयोग की उस टिप्पणी का जो कि पूर्व में डीजीपी ने एक मामले से जुड़ी हुई घटना पर एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि ख़ास वर्ग के साथ मारपीट अभद्र व्यवहार रोकने के लिए भी उन्होंने यह निर्देश दिए।

डीजीपी साहब को यह सवाल का जवाब भी देना चाहिए कि जब आने वाले समय में वर्ग विशेष के अपराध यदि बढ़ेंगे तो इस पर जिम्मेदारी कौन लेगा ?? क्योंकि हमने तो यही सुना है कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है ना कि यह देखा जाता कि वह किस जाति या  धर्म का है।  बस यह देखा जाता है कि उसने कौन सा अपराध किया है और किस श्रेणी में आता है ? और इसके बाद ही आईपीसी और सीआरपीसी की धारा के तहत उसके ऊपर मुकदमा चलाया जाता है।  उसके बाद उस पर फैसला आता है। परंतु मध्य प्रदेश के डीजीपी की बात मानी जाए तो यह पता चलता है कि अपराधी एक जाति का होता है और उसके साथ मारपीट और पिटाई नहीं करना चाहिए बल्कि उससे नम्रता का व्यवहार करना चाहिए क्योंकि डीजीपी जी ऐसा कह रहे हैं।

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