भोपाल : दोबारा काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर्स, सरकार ने मानी सभी मांगे
मध्यप्रदेश/भोपाल – राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में गुरुवार को 3500 जूनियर डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के 6 बड़े अस्पतालों के डाक्टर शामिल थे।
लेकिन राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद जूनियर डॉक्टर्स (JUDA) ने हड़ताल वापिस ले ली हैं। अब सभी जूनियर डॉक्टर्स पहले की तरह अपनी नियमित सेवाएं देते रहेंगे।
Juda के अध्यक्ष हरीश पाठक ने बताया कि मंत्री विश्वास सारंग से उनकी मुलाकात हुई। लंबी बातचीत के बाद सरकार ने उनकी मांगें मान ली हैं, जल्द ही आदेश जारी करने का आश्वासन दिया हैं।
बता दे कि गुरुवार को गैर कोविड-19 मरीजों के इलाज का बहिष्कार कर हड़ताल की शुरुआत की थी। उन्होंने यह चेतावनी दी थी कि यदि उनकी मांगों को शुक्रवार सुबह 8:00 बजे तक नहीं माना गया तो वह कोविड मरीजों का इलाज भी नहीं करेंगे और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
इसी बीच मंत्री विश्वास सारंग ने जूनियर डॉक्टर्स से मुलाकात कर ये भरोसा दिलाया की सरकार ने उनकी सभी मांगे मान ली हैं।
मंत्री विश्वास सारंग ने कहा मैं हड़ताल वापस लेने के लिए juda को धन्यवाद देना चाहता हूं। ऐसे समय में इस तरीके की हड़ताल नहीं होनी चाहिए थी। जूडा की जो मांगे हैं सरकार ने उन्हें मान लिया हैं।
ये थी जूनियर डॉक्टर्स की मांगे
- सरकार की ओर से 6% सालाना मानदेय बढ़ाने का वायदा पूरा किया जाए।
- जूनियर डॉक्टरों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए।
- कोरोना के दौरान प्रति महीने 10 हज़ार रुपये मानदेय देने का वायदा पूरा किया जाए।
- जूनियर डॉक्टर्स को ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए।
- कोरोना काल में सेवा के लिए प्रशस्ति पत्र दिया जाए जिसका फायदा सरकारी भर्तियों में मिले।