मध्यप्रदेश/भोपाल – कोरोना के गंभीर संकट के बीच अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑक्सीजन की कमी होने लगी हैं। ये हालात इसलिए हैं क्योंकि भोपाल को गुजरात से मिलने वाली लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गई है, इस कारण शहर के 100 बड़े-छोटे अस्पतालों को ऑक्सीजन देने वाला स्टैंडर्ड कॉर्बाेनिक्स प्लांट बंद हो गए हैं। अब इससे जुड़े डीलर इधर-उधर से जुगाड़ कर ऑक्सीजन अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं। ये जुगाड़ भारती एयर प्रोडक्ट से हो रही हैं।
ऑक्सीजन प्लांट के कर्मचारियों के पास उन अस्पतालों से बार-बार फोन आ रहे हैं, जहां ऑक्सीजन पहुंचाना बेहद जरूरी हैं। अस्पताल वाले बार-बार यही कह रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी मत होने देना, वरना यहां सांसें रुकना शुरू हो जाएंगी। और सप्लायर भी सामने वाले को एक ही जवाब दे रहा है- व्यवस्था बना रहे हैं। बुधवार को सुबह स्मार्ट सिटी अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर 40 मरीज थे। ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने से पहले प्रबंधन ऑक्सीजन सप्लायर के पास फोन लगाया। वेंडर ने ये कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि ऑक्सीजन की सप्लाई गुजरात से नहीं हुई है। मिलने पर दी जाएगी। ये बात सुनकर अस्पताल प्रबंधन घबरा गए।
इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने कलेक्टर से बात की। स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने चिरायु एयर प्रोडक्ट से 40 सिलेंडर की सप्लाई कराई गई। जबकि दिनभर में 105 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ती है।
शहर के 51 अस्पतालों में 3012 ऑक्सीजन बेड पर 1256 मरीज भर्ती हैं। इन्हें दिनभर में 5 लीटर ऑक्सीजन चाहिए। 103 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और आईसीयू-एचडीयू के 1161 बेड में से 679 भरे हुए हैं। अस्पतालों में 2503 जंबो सिलेंडर 7 क्यूबिक मी. की जरूरत है, लेकिन बुधवार तक 2187 ही मिल पाए। 950 सिलेंडर खाली हैं। जबकि 1326 छोटे सिलेंडर में से 946 भरे हैं। इन अस्पतालों को अभी 89 किलोलीटर लिक्विड ऑक्सीजन चाहिए, जबकि आपूर्ति सिर्फ 51.8 किलोलीटर की हो रही हैं।
बता दे कि गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के एच सेक्टर में बने भारती एयर प्रोडक्ट के कैंपस में 7 क्यूबिक मीटर क्षमता वाले ऑक्सीजन के करीब 300 जंबों खाली सिलेंडर रखे हैं, जिनमें गैस भरी जानी हैं। इधर, ऑक्सीजन की कमी का फायदा प्लांट संचालक उठा रहे हैं। जो जंबो सिलेंडर 140 रु. में बिक रहा था, वो अब 210 का बेच रहे हैं। लिक्विड ऑक्सीजन के दाम 15 रु. क्यूबिक मीटर से बढ़ाकर 22.50 रु. कर दिए हैं।