चयनित शिक्षकों का हुआ उद्धार, अतिथिविद्वानों का कब??
अनिश्चित भविष्य और आर्थिक बदहाली से छुटकारा दिलवाएं मामा शिवराज:- महिला अतिथि विद्वान
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:-अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के सुअवसर पर जहां देश भर में महिलाओं का सम्मान किया गया एवं महिला अधिकारों की बात प्रमुखता से की जा रही है वहीं मध्य प्रदेश की उच्चशिक्षित, नेट तथा पीएचडी योग्यता धारी व प्रदेश की उच्च शिक्षा को पिछले 26 वर्षों से अपने खून पसीने से सींचने वाली महाविद्यालयीन महिला अतिथि विद्वानों की दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है।आर्थिक बदहाली,अपमानजनक सेवा शर्तो व दर-दर की ठोकरें खाकर जीवन यापन करने को मजबूर प्रदेश की उच्च शिक्षित बेटियां मामा शिवराज से अपना नियमितीकरण का वादा निभाने की गुहार लगा रही हैं।आलम यह है कि कई महिला अतिथि विद्वान् आर्थिक तंगी व तनावग्रस्त होकर गंभीर बीमारियों का शिकार हुई हैं व असमय काल कवलित हो चुकी हैं।लेकिन सरकार अभी तक अतिथि विद्वानों के भविष्य को सुरक्षित करने की कोई नीति नही बना सकी है।जबलपुर की महिला अतिथि विद्वान् डॉ नीमा सिंह ने बताया कि अतिथि विद्वानों की सेवा शर्तें बेहद अपमानजनक व आर्थिक तंगी लाने वाली है।कोई छुट्टी की व्यवस्था न होने से हम परेशान हैं व मानसिक अवसाद से गुज़र रहे हैं हमने सपना देखा था कि नेट,पीएचडी करके उच्च शिक्षा में कैरियर बनाएंगे लेकिन इस शोषण कारी अतिथि विद्वान व्यवस्था ने हमारा जीवन बर्बाद कर दिया है।हम सबके भाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद हमारे आंदोलन में आकर बयान दिए थे कि जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता वो राज्य बर्बाद हो जाता है।यदि हम सरकार में आते हैं अतिथि विद्वानों का भविष्य सुरक्षित करेंगे यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष में रहते अतिथि विद्वान नियमितीकरण को जायज़ बताने वाले शिवराज सत्ता प्राप्ति के बाद से ही मौन है।
फालेंन आउट बेरोजगार महिला अतिथि विद्वानों ने मामा शिवराज से लगाई गुहार
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला अतिथि विद्वानों ने मामा शिवराज से गुहार लगाई है।डॉ लग्सरी दास और डॉ चेतना शर्मा ने बताया कि आज भी लगभग 600 से 700 अतिथि विद्वान पिछले एक वर्ष से बेरोजगारी का दंश झेलते हुए अपनी जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से रोज़गार देने की अब तक कोई कोशिश नहीं की गई है. मुख्यमंत्री आंदोलन में आकर कह गए थे कि प्रदेश की महिलाओं की सुरक्षा रोज़गार पहली प्राथमिकता है और भविष्य सुरक्षित करने का वादा किए थे,साथ ही डॉ नरोत्तम मिश्रा,गोपाल भार्गव जैसे कद्दावर कैबिनेट मंत्री भी आकर वादा किए थे खुद राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अतिथि विद्वानों की पैरवी कर चुके हैं।इसलिए भाई शिवराज मामा शिवराज से हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही हैं महिला विद्वान की बेरोजगार विद्वानों को तत्काल व्यवस्था में लेते हुए नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करें।
वही कल चयनित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए पोर्टल अपडेट हो गया. 1 तारीख से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.