बिग ब्रेकिंग: महाविद्यालयीन अतिथिविद्वानों का आरोप निकला सही, जानें 

बिग ब्रेकिंग: महाविद्यालयीन अतिथिविद्वानों का आरोप निकला सही, जानें 

2017 की सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में फर्जी चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश पर उच्च शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है.

अतिथिविद्वानों ने सवाल किया है कि दो दो सरकारों को लगातार निगलने वाली ये पूरी भर्ती को सरकार निरस्त क्यों नहीं कर रही है?

प्रदेश अध्यक्ष देवराज सिंह ने कहा कि अतिथि विद्वानों के साथ सरकार न्याय करे,मुख्यमंत्री इस भर्ती को तत्काल निरस्त कर प्रदेश के साथ न्याय करें।

महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों ने कहा कि जब इस पीएससी का विज्ञापन 2017 में आया तब से ही इसका विरोध किए क्योंकि इसमें कहीं भी रोस्टर का पालन नहीं किया गया।दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों की नियुक्ति के लिए 44 साल उम्र की गई,मध्य प्रदेशवासी अतिथि विद्वानों को बाहर किया गया,उसी को लेकर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी गई उसी सिलसिले में आज न्यायालय के आदेश पर उम्मीदवारों को उच्च शिक्षा विभाग ने बाहर का रास्ता दिखाया।अतिथिविद्वानों ने कहा कि सरकार से मांग है की इस पूरी भर्ती को ही निरस्त कर प्रदेशवासी अतिथि विद्वानों को नियमित करें जो अनुभव योग्यता भी रखतें हैं.

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