नई दिल्ली : पांच राज्यों के विधानसभा परिणाम 10 मार्च को घोषित कर दिए जाएंगे। एक तरफ जहां परिणाम आने से जीत हासिल करने वाले नेताओं के बीच खुशी होगी तो वहीं दूसरी तरफ परिणाम के बाद जनता को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। और यह मुसीबत है बढ़ती महंगाई।
खाद्य तेल मसाले चाय कॉफी चीनी मिठाई और इंसुलिन जैसी जीवन रक्षक दवाएं समेत तमाम वस्तुएं अब महंगी हो सकती हैं। जीएसटी काउंसिल बैठक में जीएसटी की न्यूनतम दर को 5% से बढ़ाकर 8% करने पर विचार किया जा रहा है।
इसके अलावा राजस्व बढ़ाने और क्षतिपूर्ति के लिए केंद्र पर राज्यों की निर्भरता खत्म करने के लिए जीएसटी व्यवस्था में छूट वाले उत्पादों की सूची में भी काट छांट की जा सकती है। वर्तमान में जीएसटी के टैक्स खिलाफ में 4 दरें 5% 12% 18% और 28% हैं। आवश्यक की चीजों को या फिर इस टैक्स से छूट मिली है या फिर उन्हें सबसे निचले स्लैब में रखा गया है वही लग्जरी वस्तुओं पर सबसे ऊंची टैक्स स्लैब लगती है।
वहीं तेल कंपनियों ने 3 नवंबर से पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। लेकिन तब से लेकर अब तक कच्चा तेल 33 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा महंगा हो गया है। सूत्रों के मुताबिक ऑयल मार्केटिंग कंपनीज अगले हफ्ते से पेट्रोल की कीमत बढ़ा सकती हैं। 16 मार्च 2022 से पेट्रोल की कीमत में रू12 की बढ़ोतरी होने की संभावनाएं हैं।
हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित 5 राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनाव के बाद आम आदमी को महंगाई के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है। विधान सभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आने हैं इसके बाद पेट्रोल-डीजल महंगए हो सकता हैं। क्योंकि आमतौर देखा गया है कि तेल कंपनियां चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती हैं। यानी, 10 मार्च को चुनाव खत्म होने के बाद कीमत में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
इधर, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) ने दुनिया में एनर्जी संकट बढ़ने की चेतावनी दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस से कच्चे तेल की सप्लाई पर असर पड़ा। जिससे क्रूड के भाव 2014 के बाद सबसे ऊंचाई पर पहुंच गए। इससे आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दाम 25 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ सकते हैं।
यानी चुनाव के परिणाम के बाद जनता की जेब पर सीधा बड़ा असर होने वाला है। आगे देखना होगा कि सरकार की इस महंगाई में किन चीजों की कीमतें बढ़ती हैं।