- कोविड, ब्लैक फंगस और डेंगू के बाद स्क्रब टाइफस बीमारी का बढ़ा खतरा
- जुलाई से अक्टूबर के बीच अधिक फैलती है ये बीमारी
- इस बीमारी के इलाज की नहीं बनी है कोई वैक्सीन
भोपाल : मध्य प्रदेश पर कोविड, ब्लैक फंगस और डेंगू के बाद स्क्रब टाइफस बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। खास बात ये है की अभी तक इस बीमारी के इलाज की कोई वैक्सीन नहीं बनी है। मरीज को एंटीबायोटिक डॉक्सीसाइक्लिन लगाई जाती है। शुरुआत में ही डॉक्सीसाइक्लिन से इलाज कराने वाले मरीज आमतौर पर जल्दी ठीक हो जाते हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है की इस बीमारी में व्यक्ति को पहले ठंड लगती है और फिर बुखार आता है। समय पर इलाज न कराने पर यह बिगड़ जाता है। इस वजह से मरीज को निमोनिया या इंसेफलाइटिस हो जाता है। वह कोमा में भी जा सकता है। यह बीमारी जुलाई से अक्टूबर के बीच अधिक फैलती है।
बता दे कि इस बीमारी का शिकार हुए एक 6 साल के बच्चे भूपेंद्र नोरिया की जबलपुर मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। रायसेन के इस बच्चे ने 15 अगस्त को अस्पताल में दम तोड़ा था। नोरिया में स्क्रब टायफस की पुष्टि हुई है।
डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी से बचने के लिए हमेशा साफ और फुल कपड़े पहनें। घर के आस-पास घास या झाड़ियां न उगने दें। ध्यान रखें कि आसपास पानी जमा न हो। खेतों में जा रहे हैं तो पूरा शरीर अच्छी तरह से ढका हुआ हो।