भोपाल : मध्य्प्रदेश में अपनी सियासी ज़मीन तलाश रहीं आम आदमी पार्टी ने नगरीय निकाय चुनाव में ज़ोरदार प्रदर्शन किया। जहां सिंगरौली मेयर सीट पर उसने जीत हासिल की तो वहीं पूरे प्रदेश में पार्टी के 64 पार्षद चुनकर आए हैं। जिसने दो प्रमुख पार्टी कांग्रेस और भाजपा की टेंशन को बढ़ा दिया है। साथ ही मध्यप्रदेश में अपनी मजबूत दखल दे दी है। जीत से उत्साहित पार्टी अब संगठन का विस्तार कर रही है। 2023 के विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता प्रदेश में तीसरा मोर्चा खड़ा करने की ओर इशारा कर रही है। आप पहले ही पंजाब चुनावों में अपने प्रदर्शन से सबको चौंका चुकी है। ऐसे में एमपी में कांग्रेस और भाजपा के लिए भी आम आदमी के बढ़ते कदम मुसीबत का सबब 2023 के विधानसभा चुनावों में बन सकते हैं। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं का दावा है कि जहां भी अरविंद केजरीवाल आएंगे, भाजपा और कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।
आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि भाजपा और कांग्रेस के नाराज और असंतुष्ट नेता उसका दामन थामें तो पार्टी को कोई गुरेज नहीं है। वहीं टिकट ना मिलने से नाराज भाजपा और कांग्रेस के कद्दावर नेताओं के लिए भी एक विकल्प खुल गया है।
इधर, कांग्रेस मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी के उदय का कारण भाजपा सरकार को बता रही है। कांग्रेस का कहना है सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी है इसलिए एक नए विकल्प के तौर पर मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी तैयार हो रही है। जबकि, भाजपा का कहना है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब का प्रदर्शन एमपी में नहीं दोहरा पाएगी। प्रदेश में मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही रहेगा।