अमित जानी ने तोड़ी थी मायावती की मूर्ति, अब बना राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित जानी ने तोड़ी थी मायावती की मूर्ति, अब बना राष्ट्रीय अध्यक्ष
- विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में होते है अमित
- राष्ट्रीय अध्यक्ष की मिली जिम्मेदारी
- मायावती की तोड़ी थी मूर्ति
उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना और बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ति तोड़कर चर्चा में आए अमित जानी को शिवपाल यादव ने ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। जी हां अमित जानी को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी युवजन सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। दरअसल, अमित जानी शिवपाल यादव के करीबी बताए जाते हैं और लंबे समय से उनके नेतृत्व में सपा से जुड़े रहे थे। अपने विवादित बयानों के चले जानी अक्सर सुर्खियों में बने रहते हैं। इतना ही नहीं, सपा से बाहर होने के बाद उन्होंने निवनिर्माण सेना का गठन किया। 2019 में वह लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। वहीं अब वह प्रसपा से जुड़ गए हैं और उन्हें युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
क्यों तोड़ी थी मायवती की मूर्ति
लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती की मूर्ति तोड़ने के बाद चर्चा में आए अमित जानी ने आजमगढ़ सदर लोकसभा सीट से अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। अमित जानी ने कहा कि, वर्ष 2009 में वह अखिलेश यादव के साथ जुड़े और अखिलेश ने दलितों, कार्यकर्ताओं और लोगों का अपमान किया है। मुख्यमंत्री आवास में दलितों और मुसलमानों की पिटाई की जाती थी। रिश्वत का मोटा पैसा वसूला जाता था। इन सबसे आजमगढ़ की जनता वाकिफ नहीं है, हम अखिलेश की पोल-पट्टी खोलने के लिए आजमगढ़ की जनता के बीच आए है। 2012 में अखिलेश की सरकार बनी तो उन्होंने कहा कि मायावती की मूर्ति गंदगी का ढेर है और इस गंदगी की ढेर को साफ करना है। यह जो संगमरमर का सफेद जिस्म लखनऊ में अकड़ के साथ खड़ी है, इसको तोड़ो इसका मन बहुत काला है।