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MPPSC परीक्षा में खड़ा हुआ विवाद, इस नियम के चलते कैंडिडेट्स नहीं दे पाएंगे एग्जाम?

भोपाल/निशा चौकसे:- MPPSC परीक्षा का विज्ञापन हाल ही में जारी हो गया है. लेकिन इसे लेकर विवाद खड़ा हो रहा है. दरअसल इस परीक्षा में आवेदकों की जो उम्र दी गई है उसे लेकर आवेदकों को आपत्ति है क्योंकि पीएससी के इस नियम के कारण करीब 15000 कैंडिडेट ओवरेज होने के कारण अपात्र हो जाएंगे और वह अप्लाई नहीं कर पाएंगे. 

बता दें कि 10 जनवरी से आवेदन शुरू हो जाएंगे जिसमें आवेदक की उम्र 1 जनवरी 2022 तक गिनी जाएगी. परीक्षा के उम्मीदवार अब तक कई मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन दे चुके हैं जिस पर अभी तक कोई भी रिस्पांस नहीं आया है. करीब हजारों आवेदकों ने सरकार से मांग की है कि उम्र की गणना नियमानुसार 1 जनवरी 2021 तक की जानी चाहिए या फिर जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों की उम्र में 1 साल की छूट देकर 40 की बजाय 41 साल कर दी जाए.

आवेदकों का कहना है कि कोरोना के चलते वैसे ही परीक्षा लेट हो रही है और अब यह उम्र को लेकर नियम काफी सारे बच्चों का भविष्य बर्बाद कर देगा. साथ ही उनका कहना है कि विज्ञापन देरी से जारी होने के लिए एमपीपीएससी जिम्मेदार है उसकी गलती का खामियाजा स्टूडेंट्स को क्यों भुगतना पड़ रहा है.

आवेदकों का यह भी कहना है कि 10 जनवरी से राज्य सेवा परीक्षा 2021 के आवेदन शुरू होंगे. शासन को उससे पहले ही इस पर निर्णय लेना चाहिए 10 जनवरी से पहले निर्णय नहीं हुआ तो दिक्कत हो जाएगी.

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