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कृषि विधयेक बिल का विरोध : यहां किसानों ने आखिर क्यों कहा "PM मोदी किसानों के दुश्मन" देखें video

कृषि विधयेक बिल का विरोध : यहां किसानों ने आखिर क्यों कहा “PM मोदी किसानों के दुश्मन” देखें video

  • मध्यप्रदेश में भी कृषि विधयेक बिल का ज़ोरदार विरोध ,किसानों ने दिया धरना किया जोरदार प्रदर्शन 
  • जबलपुर ज़िले की सिहोरा तहसील के किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली ,बिल के विरोध में लगाये काले झंडे
  • भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत लाल पटेल बोले –  किसानों का अस्तित्व ख़त्म करने पर तुली है मोदी सरकार, यह सरकार किसानों की माँ मातृभूमि जिसे किसान खून पसीने से सींचता है उसे भी BSNL औऱ रेल्वे की तरह अंबानी -अडानी को बेचने की तैयारी कर चुकी है।

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द लोकनीति डेस्क भोपाल 
भारत के प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह कोरोना काल में कहते है। ” हमें आपदा को अवसर में बदलना है ” तो वाक़ई इसे सही साबित करने में दिल्ली में बैठी हुई सरकार लग गई है क्योंकि जिस कोरोना काल में लोगों को ज़ीने -मरने की पड़ी है उसी दौर में मोदी सरकार ने किसानों के लिए ऐसा अध्यादेश लायी है। जिसको लेकर पुरे भारत के किसानों में विरोध देखा जा रहा है ,चाहे उत्तरप्रदेश हो पंजाब -हरियाणा हो या अब मध्यप्रदेश सभी राज्यों में किसानों ने इस बिल को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे है। 

मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा एवं आसपास के ग्रामीण कस्बों से किसानों ने बिल के विरोध में की आवाज़ बुलंद 
भारतीय किसान यूनियन ने आज सिहोरा में 2 अक्टूबर गाँधी जयंती के दिन कृषि विधेयक बिल को लेकर धरना प्रदर्शन किया जिसमे लगभग हजारों से अधिक किसानों ने ट्रैक्टर रैली के साथ इस आंदोलन की शुरुआत की जिसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत लाल पटेल ने कहा -कि केंद्र में बैठी मद में मस्त सरकार को जनता ने पूर्ण बहुमत दे दिया है और वह पागल हो गई है। सरकार ने कृषि विधेयक बिल को लेकर न किसानो से बात की न किसान संगठनों से बात की और अपना विधयेक लाकर किसानों का अस्तित्व खत्म करने पर उतारू है। 

भारतीय किसान यूनियन के जबलपुर संभागीय अध्यक्ष संतोष राय ने कहा – कि इस देश में न तो बेटियां सुरक्षित है न किसान और न ही हमारी आने वाली युवा पीढ़ी सभी सरकार से लड़ने में लगी हुई है लेकिन यह सरकार किसानो पर गोली चलवा देगी पर किसानो को उनका हक़ नहीं देगी। यदि मेरे किसानो पर लाठी या गोली बरसाई जायेगी तो सबसे पहले मै खुद गोली का सामना करूँगा हम किसान पीछे नहीं हटने वाले ,मोदी सरकार यह किसानो के ऊपर काला कानून वापस ले वरना हम जब रोड पर आएंगे तो सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे। 

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष रमेश पटैल ने कहा – जब 1970 में शिक्षक का वेतन 250 रूपये था तब किसान का अनाज 75 रूपये प्रति क्विंटल हुआ करता था। लेकिन आज शिक्षक का वेतन 50 -70 हजार रूपये प्रति माह है लेकिन गेहूँ 2000 रूपये प्रति क्विंटल है। देश में सरकार आयी और चली गई लेकिन किसानों को साथ लगातार दोहन होता आ रहा है पर अब और नहीं। मेरे किसान साथियो अब नहीं जागे तो तुम्हारी नस्ले खत्म कर दी जाएंगी। मध्यप्रदेश में चुनाव है और यहां मुख्यमंत्री शिवराज मामा जो पुरे प्रदेश के मामा और किसान पुत्र बन बैठे है। उन्होंने डैमेज कंट्रोल के लिए किसान सम्मान निधि 6000 से बढ़ाकर 10 हजार (केंद्र की 6000 और राज्य की 4000 ) कर दी है। जो हमारे किसान भाइयो को बहुत लुभा रहा है लेकिन आज किसानो की एक जेब में 10 हजार रूपये डालकर दूसरे जेब से 20 हजार रूपये निकाल लिए गए लेकिन किसान बहुत भोला उसे यह व्यापारियों वाला गणित समझ नहीं आता। अब सरकार केवल बड़े उद्योगपतियों अम्बानी -अडानी को आपकी जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिये कब बेंच देगी यह आपको पता भी नहीं चलेगा। 

किसान आंदोलन में धरना और प्रदर्शन के बाद ,किसानों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा 
कऱीब 5 घंटे तक चले किसान आंदोलन के बाद भारतीय किसान यूनियन ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा ,लगभग हजारों किसानों के साथ घरना प्रदर्शन के बाद किसानो ने सिहोरा SDM सी पी गोहिल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा। धरना प्रदर्शन में सुनील जैन जिला महामंत्री भाकियू ,संतोष यादव किसान मोर्चा प्रदेश महासचिव कटनी ,रूपेंद्र पटेल ,गुलाब यादव, ओम प्रकाश पटैल ,चंद्रजीत पटेल ,भारत पटेल ,मुकेश कुशवाहा ,प्रकाश पांडे ,राजेंद्र गर्ग ,राजेश चौबे ,घनश्याम बड़गैया ,जीतेन्द्र श्रीवास्तव ,राम राज पटैल,सुमित राय ,सियोल जैन ,बच्चा यादव समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान भारी संख्या में उपस्थित थे। 
 

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