Gwalior BJP News: प्रदेश की राजनीति के पावर सेंटर ग्वालियर में भाजपा की कलह भी हाइवोल्टेज में है। नेता खुलेआम जमकर विरोध करने पर उतर आए हैं। फिलहाल तो ग्वालियर की दक्षिण विधानसभा इस समय हॉट सीट बनी हुई है। प्रदेश की सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे, भाजपा के पिछड़ा वर्ग माेर्चा के अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह ने शुक्रवार को अपने जन्मदिन पर शुभकामनाएं लेकर तीखे तेवर दिखा दिए।
नारायण सिंह का बड़ा बयान
उन्होने साफ कह दिया कि इस बार मुझे टिकट दें या नहीं, मगर विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व ग्वालियर महापौर समीक्षा गुप्ता को टिकट दिया तो मैं किसी कीमत पर पार्टी (भाजपा) के लिए इस विधानसभा में काम नहीं करुंगा। सामान्य से आलू प्याज बेचने वाले को पार्टी ने बहुत कुछ दिया। इसलिए पार्टी छोड़ने जैसी कोई स्थिति नहीं है।
इसके जवाब में समीक्षा गुप्ता ने फिलहाल अनुशासन धारण कर यही कहा कि- कई बार व्यक्ति कुछ बोलना चाहता है, कुछ निकल जाता है। पूर्व मंत्री के पास संगठन की बड़ी जिम्मेदारी है। वे पिछड़े वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष है। संगठन को जहां उनकी जरूरत होगी। उनका उपयोग करेगा और वे काम करेंगे। ऐसा मुझे विश्वास है। कई बार व्यक्ति कुछ बोलना चाहता है। मुंह से कुछ और निकल जाता है। उनके साथ भी ऐसा ही हुआ है।
उधर मौजूदा कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है, लेकिन मैं तो जरूर चुनाव लडूंगा। यह हुई नेताओं की बयानबाजी। हकीकत में भाजपा की दक्षिण की सीट को लेकर इस बार दिशाएं गड़बड़ा सकती हैं।
2018 में समीक्षा बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ीं,
चुनाव से पहले दक्षिण विधानसभा सीट चर्चा में है। पहले पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा दक्षिण से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। यहां बता दें, पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह 2018 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के प्रवीण पाठक से 121 मतों से हारे थे। इस चुनाव में भाजपा की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ी थीं। पूर्व मंत्री के मन में अपनी हार पर समीक्षा गुप्ता लिए आज भी टीस है। इसी से वे पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रहते हुए बगावती तेवर अपनाकर मन की बात कह रहे हैं। पूर्व मंत्री कुशवाह ने पहली बार कार्यकर्ताओं के बीच अपना जन्मदिन मनाया है।
दक्षिण में नारायण तीन चुनाव जीते, बगावत से एक हारे
दक्षिण विधानसभा पूर्व मंत्री नारायण सिंह की परपंरागत सीट है। वर्ष 2003 में उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। 2008 के चुनाव में कांग्रेस की रश्मि पवार को हराकर दूसरी बार जीते। 2013 में तीसरी बार कांग्रेस के रमेश अग्रवाल को पराजित किया। 2018 में चौथे चुनाव में पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता ने बगावत की तो कांग्रेस के प्रवीण पाठक से 121 मतों से चुनाव हार गये थे।