सभी खबरें

अतिथि विद्वान : फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों की हालत दिहाड़ी मजदूरों से भी बदतर, जल्द नियमित करे सरकार

भोपाल 

  • फालेन आउट अतिथि विद्वानों को तत्काल सेवा में लेते हुए नियमितीकरण करे सरकार

प्रदेश के सरकार कालेजों में विगत दो दशकों से अध्यापन कार्य करने वाले अतिथिविद्वान आज बदहाल स्थिति में जीवन यापन कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल मे लॉक डाउन के कारण इनकी स्थिति और भयावह हो गई है। एक ओर अनिश्चित भविष्य और दूसरी ओर नौकरी से फालेन आउट होने के कारण अतिथिविद्वानों के सामने परिवार के भरण पोषण का संकट उत्पन्न हो गया है। यदि समय रहते सरकार ने राहत प्रदान नही की तो अतिथिविद्वानों की स्थिति प्रवासी मज़दूरों से भी बदतर हो जाएगी। उक्त बातें अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने मोर्चा की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है। डॉ मंसूर अली ने कहा है कि फालेन आउट अतिथिविद्वानों की पुनः नियुक्ति किंप्रक्रिया अंतिम चरण में है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने चॉइस फिलिंग भी करवा ली थी किन्तु सरकार गिर जाने के कारण फालेन आउट अतिथिविद्वानों की चयन सूची भी अटक गई और अब तक नियुक्ती प्रक्रिया पुनः प्रारम्भ न होने से ये फालेन आउट अतिथिविद्वान आर्थिक रूप से टूट चुके है। एक ओर कोरोना महामारी की मार और उसके बाद आर्थिक बदहाली ने अतिथिविद्वानों की कमर तोड़ कर रख दी है। सरकार जल्द से जल्द फालेन आउट अतिथिविद्वानों की पुनः बहाली की प्रक्रिया फिर से प्रारम्भ करवाये। जिससे ये सभी लोग सम्मान पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपना जीवन यापन कर सकें।

खुद शिवराज जी हैं संघर्ष के शाक्षी
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय का कहना है कि नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा लंबे समय से अतिथिविद्वानों के नियमितीकरण की लड़ाई लड़ता आया है।विगतवर्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह क्षेत्र छिन्दवाड़ा से शुरू हुआ संघर्ष अब भी जारी है।अतिथिविद्वानों का शाहजाहानी पार्क का आंदोलन प्रतीकात्मक रूप से अब भी चल रहा है।यहां तक कि शाहजाहानी पार्क के आंदोलन में विपक्ष में रहते मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान,गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव जैसे जननेता अपना समर्थन देने पार्क पहुचें थे।मुख्यमंन्त्री शिवराज सिंह चौहान ने तो कामलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए यहां तक कहा था कि यदि नियमितीकरण नही हुआ तो यह लड़ाई विधानसभा से लेकर सड़कों तक लड़ी जाएगी।कोरोना संक्रमण से हालात सामान्य होते ही एक बार पुनः पूरे प्रदेश भर के अतिथिविद्वान शाहजाहानी पार्क भोपाल पहुचेंगे व एक सुर से अपने नियमितीकरण का नारा पुनः बुलंद करेंगे।

सहायक प्राध्यापक परीक्षा पर जाँच की मांग
अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के सदस्य डॉ जे पी एस चौहान के अनुसार अतिथिविद्वान लंबे समय से सहायक प्राध्यापक परीक्षा में हुई कथित धांधली की जांच की मांग करते रहे है।मध्यप्रदेश उच्च न्यायलय ने अपने हालिया निर्णय में लोकसेवा आयोग की सहायक प्राध्यापक परीक्षा की मेरिट सूची को दूसरी बार निरस्त कर दिया,इससे अतिथिविद्वानों की इस बात को बल मिल रहा है कि केवल दाल में कुछ काला नही बल्कि पूरी दाल ही काली है।यही नही दिव्यांग आवेदक शिवेंद्र सिंह परिहार की ओर से अपने हितों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। हाई कोर्ट के इस आदेश से पूरी चयन सूची में भारी फेरबदल होने की संभावना है।हालांकि उच्च शिक्षा विभाग ने जो नियुक्ति आदेश जारी किए थे वे सभी माननीय हाई कोर्ट के आदेश के आधीन थे।इसलिए कुछ लोग बाहर होंगे,इस संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button