भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर कर्जा लेनी वाली है। अब सरकार 4 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। सरकार ने ये लोन लेने के पीछे आर्थिक गतिविधियों और विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने की वजह बताई है। जिसे लेकर प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि विकास कार्यों के लिए कर्ज लिया जाता है। प्रदेश में बढ़ता सिंचाई का रकबा, बढ़ते मेडिकल कॉलेज, सीएमएस स्कूलों और कॉलेज का विकास, तालाब, स्टॉप डेम और सड़कों के विकास के लिए ही कर्ज लिया जाता है। हिंदुस्तान में सभी सरकारें कर्ज लेती हैं। मध्यप्रदेश में लगातार विकास कार्य किए जा रहे हैं। नियमों के तहत कर्ज लेते हैं ब्याज भी समय पर चुकाते हैं।
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि दिग्विजय और कमलनाथ सरकार ने भी कर्ज लिया था। उन्होंने तो कर्ज लेकर घी पी लिया। कर्ज की राशि से एक ईट भी नहीं लगाई। कांग्रेस झूठ बोलने की राजनीति करती है। जबकि शिवराज सरकार में प्रदेश में तमाम योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है। बता दें कि इससे पहले सरकार ने 29 मार्च को लोन लिया था।
इससे पहले सरकार ने इस साल
31 जनवरी को सरकार ने 2 हजार करोड़ कर्ज लिया था।
4 फरवरी को 3 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था।
14 फरवरी को भी 3 हजार करोड़ का कर्ज लिया था।
28 फरवरी को तीन हजार करोड़ कर्ज लिया था।
6 मार्च को भी तीन हजार करोड़ रुपए कर्ज था।
23 मार्च को भी चार हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया था