OBC आरक्षण पर बवाल, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, आज फिर हो सकती है सुनवाई

भोपाल : मध्यप्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय 2022 में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पेंच फंसा हुआ हैं। शिवराज सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई संशोधन याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।
लेकिन सरकार द्वारा लगाई गई इस याचिका पर सुनवाई के बाद भी फ़ैसला नहीं हो सका। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, ऐसे में एमपी में निकाय और पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे या नहीं, इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने सारे तथ्यों को सुनने के बाद राज्य सरकार से कुछ और जानकारी मांगी है। कोर्ट से मांगी गई जानकारी को सरकार कराएगी मुहैया। कहा जा रहा है कि आज या कल इस मामलें में फिर से सुनवाई होगी।
सुत्रों की मानें तो सरकार के आवेदन पर यदि सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है तो राज्य निर्वाचन आयोग इसी सप्ताह चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। आयोग ने इसके लिए सभी तैयारियां कर ली हैं।
इधर, कांग्रेस नेता सैयद जाफर ने ट्वीट करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग अगर अपने दायित्वों को समय रहते हुए पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो उसके दुष्परिणाम मध्य प्रदेश की जनता नहीं भोगेगी। ओबीसी वर्ग को भारतीय संविधान में जो अधिकार दिए गए हैं वह अधिकार प्रदेश सरकार और निर्वाचन आयोग को देना होगा।
उन्होंने लिखा की – भारतीय संविधान का उल्लंघन करने का अधिकार ना प्रदेश सरकार को है ना निर्वाचन आयोग याचिकाकर्ता सैयद जाफर और जया ठाकुर की तरफ से एडवोकेट वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर  आवेदन के दौरान यह बात कही।
गौरतलब है कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत और नगरीय निकाय 2022 में ओबीसी आरक्षण पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा था कि बिना ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में चुनाव करवाएं जाएं और मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि 15 दिन के अंदर पंचायत चुनाव एवं नगर पालिका चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए।
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