मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस 1 नवंबर को मनाया जाएगा। क्या आप मध्य प्रदेश का इतिहास जानते हैं? राज्यों के पुनर्गठन के नतीजे में 1 नवंबर 1956 को नए राज्य मध्य प्रदेश को वजूद मिला। उस समय इसकी राजधानी नागपुर थी। केंद्रीय भारतीय एजेंसी से ही मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य की स्थापना की गई।
1956 में मध्य भारत विंध्य प्रदेश और भोपाल को मध्य प्रदेश राज्य में शामिल किया गया। मराठी बोलने वाले दक्षिण क्षेत्र विदर्भ में नागपुर जोड़कर इसे बाम्बे राज्य में शामिल कर लिया गया। सबसे पहले जबलपुर को राज्य की राजधानी बनाया गया लेकिन कुछ कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो सका और भोपाल को राजधानी बनाया गया। वहीं इस साल आदर्श आचार संहिता के चलते मप्र के स्थापना दिवस का समारोह नहीं होगा।
2772 Sq Km में फैले भोपाल की कुल आबादी 23 लाख है। 614 गांव और 2 तहसील के अलावा भोपाल जिले के अंतर्गत कुल 7 विधानसभा हैं। आज ये शहर मध्य प्रदेश की ही नहीं राष्ट्रीय राजनीति का भी केंद्र बन चुका है। विकास की नई परिभाषाएं लिखते हुए भोपाल में आज वह हर बुनियादी सुविधा मौजूद है जिसकी जरूरत एक आम आदमी को बेहतर जिंदगी जीने के लिए होती है।
देश का दिल मध्य प्रदेश, एक ऐसा राज्य है जिसने अपनी अनोखी कला-संस्कृति और विविधताओं के लिए देशभर में एक अलग पहचान बनाई है। प्राकृतिक संपदा और संसाधनों से समृद्ध होने के साथ तरह-तरह की बोलियों लोक संस्कृतियों और अपने-अपने अलग रहन-सहन से रचा बसा है, मध्य प्रदेश अपने आप में भारत का एक संपूर्ण दर्शन कराता है। क्योंकि इस राज्य में संपूर्ण भारत की एक झलक देखने को मिलती है।
मध्य प्रदेश में कुल 55 जिले आते हैं। सबसे बडा जिला क्षेत्रफल के दृष्टिकोण से छिंदवाडा है जबकि सबसे बडा और साफ शहर इंदौर है। मध्य प्रदेश के धार्मिक त्यौहारों में दशहरा, दिवाली, ईद, जैन और क्रिसमस शामिल हैं। आदिवासी मडई, भगोरिया और करबा पर्व मनाते हैं। झाबुआ में दुनिया भगोरिया हाट, खजुराहो का न्रत्य समारोह, ग्वालियर का तानसेन समारोह, मडई जैसे त्यौहार शामिल हैं।