New Delhi : भारत ने बनाया एक और कीर्तिमान , भ्रष्टाचार में अब पाया यह स्थान

 

New Delhi Gautam : भारत आये दिन नए कीर्तिमान गढ़ रहा है। पहले डेमोक्रेसी इंडेक्स (Democracy Index) में 10 पायदानों की उलटी छलांग लगाने वाले भारत अब भ्रष्टाचार के मामले में भी 2 पायदान नीचे आ गया है। वर्ष 2017 में 180 देशों में भारत का स्थान 78वां था वही अब भारत 2 पायदान फिसलकर 80वे स्थान पर पहुँच गया है। यह आकड़े आये हैं ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की भ्रष्टाचार अनुभव सूचकांक (Transparency International's Corruption Experience Index) के इस साल के सर्वे से।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने दावोस (Dabos) में विश्व आर्थिक मंच (WEF) की सालाना बैठक के दौरान इस सूचकांक की रिपोर्ट को जारी किया। जिसमे डेनमार्क(Denmark) और न्यूज़ीलैण्ड(New Zealand) पहले पायदान पर रहे यानी वे सबसे ईमानदार देश हैं। वहीं पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान(pakistan) को सूचकांक में 120वां स्थान मिला है। सूचकांक में ऊपर रहने का मतलब है भ्रष्टाचार कम होना और सूची में जो देश जितना ही नीचे हैं वहां भ्रष्टाचार उतना ही ज्यादा है।

कौनसे हैं सबसे ईमानदार देश
फिनलैंड (Finland), सिंगापुर(singapore), स्वीडन(Sweden), स्विट्जरलैंड(Switzerland), नॉर्वे(Norway), नीदरलैंड(Netherland), जर्मनी(Germany) और लक्जमबर्ग इस सूचकांक में शीर्ष 10 में शामिल रहे हैं। यह सूची 0 से 100 तक के अंकों के आधार पर बनती है। शून्य अंक हासिल करने वाला देश सबसे भ्रष्ट और 100 अंक हासिल करने वाला सबसे ईमानदार होगा।

क्यों फिसला भारत
इस साल की रिपोर्ट से यह पता चलता है कि उन देशों में ज्यादा भ्रष्टाचार देखा गया है जहां चुनावों (Election) में बड़े पैमाने पर पैसा बहाया जाता है और सरकारें सिर्फ धनी और रसूख वाले लोगों की सुनती हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था है।

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के दो-तिहाई देश  न केवल भ्रष्टाचार की इस रैंकिंग में ठहरे हुए हैं, बल्कि सिर्फ 22 देशों ने ही CPI में सुधार किया है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने दुनिया की सरकारों से अनुरोध किया है कि सबसे पहले राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे और उन पर धन बल के असर को कम किया जाए।

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