भोपाल : साल 2023 में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों ही प्रमुख दलों (कांग्रेस-भाजपा) ने अपने स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। जहां एक तरफ पीसीसी चीफ कमलनाथ ने विधायकों-मंत्रियों को मैदान में उतरने और जो नेता सक्षम नहीं है उसे पद छोड़ने की बात कही है तो वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दल से भी कुछ इसी तरह की खबरें सामने आ रहीं है।
खबरों की मानें तो गलियारों में इन दिनों सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि कई मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते है। इसके साथ ही विंध्य और महाकौशल से कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
दरअसल, चौथी बार सत्ता में आने के बाद सरकार में विंध्य को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है। वहीं महाकौशल में 2018 के चुनाव के बाद हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भी कांग्रेस ने बाजी मार ली है। ऐसे में बीजेपी इन दोनों इलाकों पर खास फोकस किए हुए है।
कहा जा रहा है कि मंत्रियों के विभाग बदलना या नए मंत्रियों के बनाने के पीछे सबसे बड़ा कारण 2023 में होने वाला विधानसभा चुनाव और नगरीय निकाय में कुछ इलाकों में मिली करारी हार है।
हालांकि, बीजेपी के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी का कहना है कि यदि ऐसा कुछ हो रहा है तो वरिष्ठ नेतृत्व इस पर चिंतन मंथन कर रहा होगा।
यदि मंत्रिमंडल का विस्तार या मंत्रियों के विभाग बदलने की बात है तो यह एक सामान्य प्रक्रिया होती है।
इधर, कांग्रेस कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने भी इसको लेकर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि जो विधायक नाराज हैं उन्हें मंत्रिमंडल विस्तार का लॉलीपॉप देकर शांत कराया जा रहा है।