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शराबबंदी पर बवाल : उमा भारती के समर्थन में उतरे केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कह डाली ये बड़ी बात 

  • MP में जोर पकड़ने लगी शराबबंदी की मांग
  • उमा भारती के लठ वाले बयान पर गरमाई सियासत 
  • कुछ भाजपा नेता इसके विरोध में तो कुछ इसके समर्थन में 
  • क्या प्रदेश में शराबबंदी होगी, देखना दिलचस्प 

इंदौर : मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री उमा भारती द्वारा दिए गए शराबबंदी के बयान के बाद से ही प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। कोई भाजपा नेता उनके खिलाफ बोल रहा है तो कोई उनके समर्थन में आ रहा है। इसी बीच सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय महासचवि कैलाश विजयवर्गीय की माताजी के श्राद्ध समारोह में शामिल होने इंदौर पहुंचे केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उमा भारती के समर्थन में दिखाई दिए। 

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने शराबबंदी की वकालत करते हुए कहा इसके लिए सामाजिक और आध्यात्मिक अभियान चलाने की ज़रूरत है। 
उन्होंने कहा शराबबंदी ज़रूरी है। हालांकि साथ में ये भी कहना नहीं भूले कि उमा भारती हमारी वरिष्ठ नेता है, मैं उनसे इस विषय पर एक बार बात भी करूंगा। शराबबंदी एक ऐसा विषय है कि हमने जिन राज्यों में ये फैसला किया है वहां शासन ने तो शराबबंदी कर ली पर लोगों ने शराब पीना बंद नहीं किया। इसलिए इसे एक अलग दृष्टिकोण से भी देखना पड़ेगा। 

इससे पहले पूर्व राज्यपाल व भाजपा के वरिष्ठ नेता कप्तान सिंह सोलंकी ने ट्वीट कर उमा भारती पर निशाना साधा था, उन्होंने लिखा था की – लोकतंत्र जनमत से चलता है। लठ से नहीं। यह हिंसा का हिस्सा है। क़ानून से भय पैदा किया जा सकता है, विचार नहीं बदले जा सकते। संस्कारों से विचार बदलने की ज़रूरत है। 

क्या कहा था उमा भारती ने 

हालही में मीडिया से चर्चा करते हुए उमा भारती ने कहा था कि शिवराज जी और वीडी शर्मा जी का मानना है कि जागरूकता अभियान से शराबबंदी की जा सकती है। लेकिन मेरा माना है कि यह बिना लट्‌ठ के नहीं होगा। उमा भारती ने कहा था कि मैं 15 जनवरी तक लोकतंत्र का पालन करूंगी। शराबबंदी के लिए जागरूकता अभियान से काम चलाऊंगी। यदि फिर भी लोग नहीं माने तो सड़क पर उतर जाऊंगी। मैं अभी गंगाजी को गंगा सागर छोड़कर आऊंगी, तब तक मध्य प्रदेश में जागरुकता अभियान चलेगा। मध्य प्रदेश में 15 जनवरी 2022 के बाद शराब बंदी लागू होकर रहेगी, यही गंगा सागर से तय करके आऊंगी।

बता दे कि उमा भारती के इसी बयान को लेकर प्रदेश में बयानबाज़ी का दौर शुरू हो गया है, जहां उमा भारती को एक तरह कांग्रेस का साथ मिल रहा है तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी के कुछ नेता इसके विरोध में है तो कुछ इसके समर्थन में। बहरहाल अब देखना होगा की आगे क्या होता है। 
 

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