सभी खबरें

किसान आन्दोलन:- इस दिन से ही थी हिंसा की आशंका, शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा आन्दोलन , राकेश टिकैत समेत 6 किसान नेताओं पर FIR, सनी देओल ने दीप सिद्धू को लेकर कही ये बात 

किसान आन्दोलन शांतिपूर्ण तरीके से रहेगा जारी, राकेश टिकैत समेत 6 किसान नेताओं पर FIR, सनी देओल ने दीप सिद्धू को लेकर कही ये बात 

द लोकनीति डेस्क:गरिमा श्रीवास्तव 

 कृषि कानूनों के खिलाफ कल गणतंत्र दिवस पर दिल्ली सीमाओं पर किसान आंदोलन का 62वां था।  आंदोलनरत किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड निकाली। ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर राजधानी की कई सीमाओं पर हजारों सशस्त्र सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया था।बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के कड़े बंदोबस्त किये गये थे। 
पर देखते ही देखते नज़ारा बदल गया.


किसानों ने लगभग तय समय से साढ़े तीन घंटे पहले अपनी रैली शुरू कर दी.. इस बीच उनका तय रूट भी बदल चुका था.हांलांकि किसान नेताओं का कहना है कि किसानों के 32 संगठनों ने नियमों को नहीं तोडा है..कानून हमारी तरफ से नहीं तोड़ा गया हम जानते हैं कि रुकावट डालने की कोशिश कौन कर रहा है..ये उन राजनीतिक दलों के लोग हैं जो आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं..इसी बीच किसान लाल किले पर पहुंच गए थे। करीब दो दर्जन ट्रैक्टरों पर सवार सैकड़ों किसान लाल किला परिसर में पहुंच गए थे. इसके साथ ही संगठन का झंडा फहरा दिया गया है। यह झंडा वहां फहराया गया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।
अब क्या था, किसानों ने लाल किले पर सिख पंथ का झंडा फहरा तो दिया था अब इस बात को लेकर राजनीती में दो पक्ष बंट गये.एक पक्ष वो था जो किसानों को खालिस्तानी कह रहा था. तो वहीँ दूसरे पक्ष का कहना था कि यह गुंडे राजनैतिज्ञों के टट्टू हैं। एक पंजाबी अभिनेता की पहचान भी हुई है। राजधानी दिल्ली में लाल किले पर निशान साहिब फहराने के मामले में एनआईए ने बीजेपी के सांसद सनी देओल के करीबी दीप सिद्धू को तलब किया है.. बता दें कि दीप सिद्धू ने लाल किले पर सिख झंडा फहराने का वीडियो खुद ही शेयर किया है. दीप सिद्धू पंजाबी अभिनेता हैं,  बीजेपी नेताओं से इनकी काफी नजदीकियां हैं.  आरोप है कि दीप सिद्धू के साथी और खुद अभिनेता दीप सिद्धू ने पुलिसकर्मियों को धक्का देते हुए लाल किले की प्राचीर पर सिख पंथ का झंडा फहराया.


जांच और पूछताछ में सिद्धू के बाद एक और नाम सामने आ रहा है, यह नाम है लाखा सिधाना. जानकारी के मुताबिक दीप सिद्धू और लाखा सिधाना ने ही किसानों को लाल किला पर जाने के लिए भड़काया. लाल किले पर पहुंचने के बाद दीप सिद्धू ने ही प्रचार पर निशान साहिब फहराने के लिए भी कहा. इस बात को सिद्धू ने एक फेसबुक वीडयो में कुबूल भी किया है.
यह वही दीप सिद्धू हैं जिनकी तसवीरें दिग्गज नेताओं के साथ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हों रही हैं। सिर्फ सनी देओल के साथ नही बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सांसद हेमा मालिनी के साथ तसवीरें वायरल हुई हैं….

इन चीजों से यह साफ़ जाहिर हों रहा है कि कही न कही इस हिंसक प्रदर्शन के पीछे देश के बड़े राजनैतिक दल शामिल हैं. सनी देओल ने एक ट्वीट करके दीप के साथ कोई भी सबंध होने की बात से किनारा किया है. गणतंत्र दिवस की रात ही सनी देओल ने ट्वीट कर कहा- आज लाल किले पर जो हुआ…  उसे देख कर मन बहुत दुखी हुआ है, मैं पहले भी, 6 December को ,Twitter के माध्यम से यह साफ कर चुका हूं कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है,जिसके बाद trollers ने उनकी जमकर निंदा की है.तो वहीं दीप सिद्धू ने यह बात भी कही है कि जब किसान नेताओं का ट्रेक्टर आगे था.पहले जत्थे में किसान नेता चल रहे थे तो मैं अकेला कैसे हिंसा भड़का सकता हूँ?


अब सवाल यह उठता है कि आखिर इन साजिशों के पीछे कौन है… क्या जिन वीरों ने देश की आजादी के लिए अपने जान तक की कुर्बानी दी थी उन्होंने ऐसे भारतवर्ष की कभी कल्पना की होगी?? 
किसानों को खालिस्तानी कहा जा रहा है. ये बात भी कही जा रही है कि जिस झंडे को लाल किले पर फहराया गया वह खालिस्तानी झंडा था.पर वह कोई खालिस्तानी झंडा नही बल्कि गुरु गोविन्द सिंह का खालसा झंडा था… दो पक्षों में एक गुट ने यह बात भी कही कि लाल किले पर किसानों ने झंडा फतह कर तिरंगे का अपमान किया।जबकि किसानों ने तिरंगे से नीचे खालसा झंडा फहराया था. पहले से भी किसानों के नाम पर राजनीति चल रही थी और कल हुए घटनाक्रम के बाद यह राजनीति और तेज़ हों गई…. वहीँ इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और तस्वीर वायरल हों रही है जिसमे एक व्यक्ति के हाथ में पहने कड़े को दिखाया गया है.उस कड़े पर KHALISTAN लिखा हुआ साफ़ नज़र आ रहा है.

बता दें कि यह व्यक्ति वहां बैठा हुआ नज़र आ रहा जहां कल आईटीओ पर ट्रेक्टर पलट जाने से एक किसान की मौत हों गई. और लोगों ने उस व्यक्ति के शव को तिरंगे से लपेट कर करीब शाम साढ़े 6 बजे तक प्रदर्शन किया। 

फिलहाल सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को पकड़ने की तैयारियां की जा रही हैं. भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि लाल किले में जिसने भी हिंसा फैलाई उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी वे लोग आंदोलन का हिस्सा नहीं रह सकते..संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार शाम को ही किसानों की परेड को वापस ले लिया था सभी किसानों से कहा गया है कि वह तुरंत प्रदर्शन स्थल पर लौटे। मोर्चे ने यह भी कहा है कि किसानों का आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी..

राकेश टिकैत समेत 6 किसान नेताओं पर FIR हुई है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button