भोपाल/खाईद जोहर : मध्यप्रदेश में शहरों और जगहों के नाम बदलने की मांग अब आम हो चुकी है। मंत्री, विधायक और सांसद से लेकर अन्य नेता अपने अपने हिसाब से शहरों और जगहों के नाम “देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों” के नाम पर रखने की मांग उठा चुके है। जैसे होशंगाबाद (नर्मदापुरम हो गया) हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम (रानी कमलापति हो गया) वैसे ही भोपाल का नाम (भोजपाल) रखने की मांग की गई। इसके अलावा ऐसे बहुत सी जगहें है जिनके नाम बदलने की सिफारिश प्रदेश के CM शिवराज से की जा चुकी है।
अब इन सबके बीच मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के जानें मानें “इकबाल मैदान” का नाम बदलने की मांग उठी है। इसके लिए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेन्द्र शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होने मुख्यमंत्री ने मांग की है कि इस मैदान का नाम बदल दिया जाए।
सुरेन्द्र शर्मा ने अपने पत्र में लिखा की – देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है परंतु दुर्भाग से भोपाल में एक मैदान का नाम मोहम्मद अल्लामा इकबाल के नाम पर भी है यह वही अल्लामा इकबाल है जिसने मुस्लिम लीग अध्यक्ष रहते हुए मुस्लिम लीग के 29 दिसंबर 1930 में हुए इलाहाबाद अधिवेशन में पाकिस्तान प्रस्ताव रखते हुए कहा था कि में पंजाब उत्तर पश्चिम सीमावर्ती प्रांत, सिंध और बलूचिस्तान को सम्मिलित रूप से एक राष्ट्र देखना चाहूंगा।
महोदय हो सकता है यह व्यक्ति कभी राष्ट्रवादी कहा हो पर जीवन के अंतिम काल में यह व्यक्ति भारत के विभाजन का कारक बना। अल्लामा इकबाल न केवल मुस्लिम लीग का अध्यक्ष रहा बल्कि भारत के विभाजन का कारण भी बना पाकिस्तान में हमे राष्ट्र कवि का दर्जा भी प्राप्त है अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि भोपाल के इकबाल मैदान का नाम बदलकर देश के किसी भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के नाम पर किया जाये।
वहीं, सुरेन्द्र शर्मा की इस मांग को कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने नफरती बताया। विधायक आरिफ मसूद ने कहा की बीजेपी की ये पहल चुनावी और नफरती है। इस मैदान से सभी का जुड़ाव रहा है। सीएम शिवराज सिंह चौहान भी यहां कई कार्यक्रम का हिस्सा रहे हैं। कई आंदोलन और ऐतिहासिक कार्यक्रम का ये गवाह रहा है। ऐसे में इकबाल मैदान का नाम मिटाने का काम इन्हें नहीं करना चाहिए। आरिफ मसूद ने बताया कि इकबाल बड़े शायर रहे। उनका नाम सांस्कृतिक जगत में भी है। स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर मैदान का नाम रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सावरकर की एक किताब में मौलवी अहमद शाह फैजाबादी का भी नाम है। अगर बीजेपी को बदलना है तो उन्हीं के नाम पर रख दें।