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अमरनाथ यात्रा : बदलते मौसम, आतंकी खतरे और दुर्गम रास्ते के बावजूद आस्था की डोर मजबूत

jammu & kashmir : श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था कश्मीर के लोगों के विरुद्ध हैं ,वही दूसरी तरफ प्रदेश के राज्यपाल श्री सत्यपाल मलिक ने पुलवामा आतंकी हमले का हवाला देते हुए सुरक्षा उपायों का बचाव किया हैं।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सालाना यात्रा के लिए सुरक्षा के प्रबंधों से कश्मीर के लोगों को असुविधा हो रही हैं | . उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “अमरनाथ यात्रा वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इस साल की व्यवस्था कश्मीर के लोगों के खिलाफ है और मैं राज्यपाल से इस मसले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करती हूं.”

उन्होंने कहा,कि “यात्रा भाईचारे की अहमियत बताती है लेकिन इस साल की गई व्यवस्थाओं से स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही हैं। वे आपात स्थितियों में भी राजमार्ग का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, अर्थात कश्मीरयो को यात्रियों के जाने तक इंतजार करने को बाध्य किया जाता हैं। महबूबा ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के कुछ हिस्सों को यात्रियों के दल के जाने के दौरान आम नागरिकों के लिए यातायात पर रोजाना दो घंटे की रोक का जिक्र किया हैं।

जवाब में राज्यपाल ने इस रोक का बचाव करते हुए कहा कि रोक की अवधि कम करके रोजाना दो घंटे कर दी गई हैं। उन्होंने कहा, “14 फरवरी को राजमार्ग पर जो हुआ उससे आप अवगत हैं, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए रोक अनिवार्य हैं। राज्यपाल पुलवामा आतंकी हमले का जिक्र कर रहे थे, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी द्वारा किए गए आत्मघाती बम धमाके में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

बताते चले कि यह वही हमला था जिसमें मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा का लाल वीर अश्वनी काछी शहीद हो गए थे। मध्यप्रदेश के अलावा ,राजस्थान ,उत्तरप्रदेश और छत्तीसगढ़ ने भी अपने बेटे खोये थे। यह हमले की यदि आप फोटो देखेंगे तो आप पाएंगे की मंजर कितना भयानक हुआ होगा।

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